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मोहन भागवत का बड़ा बयान: भारत को बनाना है विश्व गुरु और सुपर पावर

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने तेलंगाना में एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने भारत को सुपर पावर और विश्व गुरु बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सभी हिंदुओं को एकजुट होने और सनातन धर्म के पुनरुत्थान की बात की। भागवत ने कहा कि यह समय है जब हम अपने धार्मिक जीवन को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करें। जानें उनके विचार और सेवा के महत्व पर उनके विचार।
 

मोहन भागवत का संदेश

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत.Image Credit source: Getty Images

आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में तेलंगाना में एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह समय है जब सभी हिंदुओं को एकजुट होकर सनातन धर्म को आगे बढ़ाना चाहिए। भागवत ने यह भी कहा कि भारत का विकास निश्चित है, लेकिन हमें केवल एक सुपर पावर नहीं, बल्कि एक विश्व गुरु भी बनना है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि RSS का उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना है, चाहे वह भारत में हो या विदेशों में हिंदू स्वयंसेवक संघ के माध्यम से।

योगी अरविंद के विचारों का उल्लेख करते हुए भागवत ने कहा कि सनातन धर्म का पुनरुत्थान ईश्वर की इच्छा है। उन्होंने बताया कि जब योगी अरविंद ने 100 साल पहले यह कहा था, तब से हिंदू राष्ट्र का उदय इसी पुनरुत्थान के लिए है। उनके अनुसार, ‘भारत’, ‘हिंदू राष्ट्र’ और ‘सनातन धर्म’ एक-दूसरे के पूरक हैं।

हिंदू समाज को संगठित करना

भागवत ने कहा कि संघ का कार्य हिंदू समाज को संगठित करना है। उन्होंने बताया कि भारत में संघ के प्रयास और विदेशों में हिंदू स्वयंसेवक संघ के प्रयास समान हैं। उनका उद्देश्य धार्मिक जीवन जीने वाले समाज का उदाहरण प्रस्तुत करना है। उन्होंने कहा कि जो प्रक्रिया 100 साल पहले शुरू हुई थी, उसे अब तेजी से आगे बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है।

सेवा का महत्व

भागवत ने सेवा के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सेवा कई कारणों से की जाती है, लेकिन यह सच्ची सेवा नहीं है जब लोग केवल इनाम की उम्मीद में सेवा करते हैं। उन्होंने कहा कि सच्ची सेवा बिना किसी अपेक्षा के होनी चाहिए।