मोहन भागवत का बंगाल दौरा: धर्म और राजनीति पर महत्वपूर्ण विचार
संघ प्रमुख का बंगाल दौरा
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत.
आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत वर्तमान में बंगाल के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने कई मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि सरकारें समय के साथ बदलती रहती हैं, लेकिन धर्म हमेशा स्थायी रहता है। भागवत ने बाबरी मस्जिद को एक राजनीतिक मुद्दा बताया और कहा कि यह एक नया विवाद खड़ा करने जैसा है, जो न तो मुसलमानों के लिए फायदेमंद है और न ही हिंदुओं के लिए। उनके अनुसार, बाबरी का मुद्दा केवल वोट बैंक के लिए है.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
मंदिर-मस्जिद विवाद का समाधान
भागवत ने स्पष्ट किया कि मंदिर-मस्जिद का विवाद सुप्रीम कोर्ट में समाप्त हो चुका है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या फिर से बाबरी मस्जिद का मुद्दा उठाना उचित है, जो हिंदू और मुसलमान दोनों के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि मंदिर और मस्जिद सार्वजनिक धन से बने हैं, और सरकारी खजाने का उपयोग करना कानून के खिलाफ है.
हिंदुओं के लिए भारत का महत्व
हिंदुओं का एकमात्र देश
भागवत ने यह भी कहा कि हिंदुओं के लिए भारत ही एकमात्र देश है, और सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हिंदू समाज एकजुट होता है, तो बंगाल में स्थिति में बदलाव लाने में अधिक समय नहीं लगेगा.
संघ का दृष्टिकोण
संघ का मुस्लिम विरोध नहीं
भागवत ने यह स्पष्ट किया कि संघ मुस्लिम विरोधी नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रवादी है। उन्होंने कहा कि संघ सामाजिक बदलाव के लिए काम करता है और राजनीति में बदलाव लाने का उनका उद्देश्य नहीं है.
हिंदू राष्ट्र की परिभाषा
हिंदू राष्ट्र पर भागवत के विचार
हिंदू राष्ट्र के संदर्भ में भागवत ने कहा कि कट्टरवाद हिंदुत्व नहीं है। उन्होंने बताया कि धर्म पर आधारित संविधान ही संविधान का आधार है और भारत एक हिंदू राष्ट्र है, जो संघ की सोच का हिस्सा है.
बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति
बांग्लादेश में हालात
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के बारे में भागवत ने कहा कि वहां की स्थिति बहुत कठिन है। उन्होंने दुनियाभर के हिंदुओं से बांग्लादेश के हिंदुओं की मदद करने की अपील की.
मदरसों में शिक्षा का महत्व
मदरसों पर भागवत की राय
भागवत ने मदरसों में आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि असम सरकार का निर्णय सही है और मदरसों में राष्ट्रवादी शिक्षा दी जानी चाहिए.