मोनिका रानी: सरकारी स्कूल से IAS बनने तक का सफर और नई जिम्मेदारियां
आईएएस मोनिका रानी का परिचय
आईएएस मोनिका रानी. Image Credit source: News Media
आईएएस मोनिका रानी का प्रोफाइल: मोनिका रानी, जिन्होंने सरकारी स्कूल से शिक्षा प्राप्त की, ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग की महानिदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता में सुधार लाने का संकल्प लिया। आईएएस बनने से पहले, वह एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका थीं और बहराइच जिले की डीएम भी रह चुकी हैं। आइए जानते हैं कि उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में कब और कितनी रैंक हासिल की थी।
महानिदेशक के रूप में अपने पहले दिन, उन्होंने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की और अपनी प्राथमिकताओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि बच्चों का नामांकन बढ़ाना, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना और सीएम मॉडल कंपोजिट विद्यालयों का समय पर निर्माण कराना उनकी प्राथमिकताएं होंगी। इसके साथ ही, उन्होंने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) लैब के बेहतर उपयोग, बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने, और विशेष रूप से छात्राओं की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही।
शिक्षकों को प्रोत्साहन और नवाचार पर जोर
उन्होंने शिक्षकों को प्रोत्साहित करने और शिक्षण को रुचिकर बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को आधुनिक और नवाचारी शिक्षण विधियों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि पठन-पाठन का स्तर बेहतर हो सके। शिक्षकों को विभाग की रीढ़ बताते हुए, उन्होंने कहा कि उन्हें केवल पढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा।
पहले टीचर, फिर बनी IAS
आईएएस अधिकारी बनने से पहले, मोनिका रानी ने 2004 से 2010 तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में शिक्षिका के रूप में कार्य किया। वह 2010 बैच की यूपी कैडर की आईएएस अधिकारी हैं और यूपीएससी सीएसई में उन्हें देशभर में 70वीं रैंक प्राप्त हुई थी।
मोनिका रानी का गृह नगर
मोनिका रानी मूल रूप से हरियाणा के गुरुग्राम की निवासी हैं। उन्होंने बीकाॅम और एमए इकोनॉमिक्स की डिग्री प्राप्त की है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद, उनकी पहली तैनाती गाजियाबाद में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर 11 जुलाई 2012 को हुई थी। इसके बाद, उन्हें फरवरी 2014 में शहारनपुर का सीडीओ बनाया गया। वह चित्रकूट, बहराइच और फर्रुखाबाद की डीएम भी रह चुकी हैं।