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मोदी सरकार की नई योजना: किसानों को मिलेगी आर्थिक सहायता

मोदी सरकार ने किसानों की सहायता के लिए 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' की घोषणा की है, जिसमें 24,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह योजना 100 जिलों के किसानों को लाभान्वित करेगी, जिसमें उन्नत बीज, खाद, और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी शामिल है। महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। योजना की शुरुआत अक्टूबर 2025 तक होने की उम्मीद है।
 

किसानों के लिए नई पहल


किसानों की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए, मोदी सरकार ने एक नई योजना की घोषणा की है। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' को मंजूरी दी गई। इस योजना के लिए सरकार अगले छह वर्षों में 24,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।


लाभार्थी जिलों का चयन

इस योजना का लाभ देश के 100 जिलों के किसानों को मिलेगा। चयन उन क्षेत्रों पर आधारित होगा जहां कृषि उत्पादन कम है, भूमि का उपयोग सही तरीके से नहीं हो रहा है, या किसानों को ऋण प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। इन जिलों के लिए विशेष जिलास्तरीय कृषि योजनाएं बनाई जाएंगी।


कृषि संसाधनों की उपलब्धता

किसानों को उन्नत बीज और खाद कम कीमत पर या मुफ्त में प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा, ट्रैक्टर, पंप और अन्य आधुनिक कृषि उपकरणों पर सब्सिडी भी दी जाएगी। सिंचाई के लिए माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे जल संरक्षण और उत्पादन में वृद्धि हो सके।


आर्थिक सहायता और भंडारण

किसानों को अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए गोदाम निर्माण की सुविधा दी जाएगी। इसके साथ ही, सस्ते और आसान ऋण की उपलब्धता से किसानों का आर्थिक बोझ कम होगा।


महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता

इस योजना में महिलाओं और युवा किसानों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।


योजना की शुरुआत

इस महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 के बजट में की थी। अब कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद, सरकार का लक्ष्य है कि अक्टूबर 2025 तक सभी चयनित जिलों में योजना को लागू किया जाए।


आवेदन प्रक्रिया

किसानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए नजदीकी कृषि कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल पर आधार कार्ड, बैंक खाता और भूमि के दस्तावेज के साथ रजिस्ट्रेशन कराना होगा। योजना को केंद्र और राज्य सरकार मिलकर लागू करेंगी।