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मोकामा हिंसा पर आरके सिंह की चुनाव आयोग से सख्त अपील

मोकामा में हाल ही में हुई हिंसा पर केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने चुनाव आयोग से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इसे चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन की विफलता बताया। इस घटना के बाद दो स्टेशन हाउस ऑफिसर को निलंबित किया गया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है, जबकि प्रशांत किशोर ने इसे राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था का संकेत बताया। जानें इस मामले में और क्या हुआ।
 

मोकामा में हुई हिंसा पर केंद्रीय मंत्री की प्रतिक्रिया

हाल ही में मोकामा में हुई हिंसा पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता आरके सिंह ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि वह आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन सुनिश्चित करे। उन्होंने इस घटना को चुनाव आयोग और स्थानीय प्रशासन की विफलता करार दिया। आरके सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि यह स्थिति चुनाव के दौरान बेहद चिंताजनक और अस्वीकार्य है।


हथियारों से लैस वाहनों की मौजूदगी पर चिंता

आरके सिंह ने आगे कहा कि हथियारों से लैस वाहनों का बड़ा काफिला आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है और यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मजाक उड़ाता है। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों और प्रभावशाली उम्मीदवारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। इस बीच, मोकामा में जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में दो स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) को निलंबित कर दिया गया है।


हत्या के मामले में निलंबन और राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

पटना के ग्रामीण पुलिस अधीक्षक के अनुसार, घोसवरी एसएचओ मधुसूदन कुमार और भदौर एसएचओ रवि रंजन को निलंबित किया गया है। 30 अक्टूबर को, बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान दो समूहों के बीच गोलीबारी में दुलारचंद यादव की मौत हो गई थी। इस घटना की राजनीतिक हलकों में कड़ी निंदा की गई है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है और प्रशासन तथा चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर सवाल उठाया।


प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी इस घटना की निंदा की और इसे राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था का संकेत बताया। उन्होंने कहा कि दुलारचंद यादव आधिकारिक तौर पर जन सुराज के सदस्य नहीं थे, बल्कि वे जन सुराज के उम्मीदवार पीयूष जी का समर्थन कर रहे थे। किशोर ने इसे 'जंगलराज' का उदाहरण बताया और कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है।