मैथिली ठाकुर का भाजपा में शामिल होना: बिहार चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण कदम
लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने भाजपा में शामिल होकर बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की है। पटना में भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की उपस्थिति में यह घोषणा की गई। ठाकुर, जो दरभंगा से चुनाव लड़ने की संभावना रखती हैं, ने समाज की सेवा करने और अपनी विचारधारा को फैलाने का संकल्प लिया है। जानें उनके संगीत सफर और राजनीतिक दृष्टिकोण के बारे में।
Oct 14, 2025, 18:29 IST
भाजपा में मैथिली ठाकुर का स्वागत
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, लोक और भक्ति गायिका मैथिली ठाकुर ने मंगलवार को पटना में भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की घोषणा की। सूत्रों के अनुसार, ठाकुर दरभंगा के अलीनगर से आगामी विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बन सकती हैं। बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।
भाजपा अध्यक्ष का विश्वास
इस अवसर पर, बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने एनडीए की जीत पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि मतदाता एक मजबूत एनडीए सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने विपक्षी महागठबंधन पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे "निराश और उदास" हैं और यह भी दावा किया कि उनके आधा दर्जन से अधिक विधायक जल्द ही भाजपा में शामिल होंगे।
मैथिली ठाकुर का समर्थन
गायिका मैथिली ठाकुर ने कहा कि वह प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बहुत प्रभावित हैं। उन्होंने कहा, "मैं यहाँ समाज की सेवा करने और उनकी विचारधारा को फैलाने के लिए आई हूँ। मैं मिथिला की बेटी हूँ, मेरी आत्मा मिथिला में बसती है।" उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी के आदेशों का पालन करेंगी।
मैथिली ठाकुर की पहचान
चुनाव आयोग ने मैथिली ठाकुर को बिहार का 'स्टेट आइकॉन' नियुक्त किया है, जो उनकी लोकप्रियता और प्रभाव को दर्शाता है। यह मान्यता उनके सांस्कृतिक राजदूत के रूप में भूमिका को रेखांकित करती है। भारतीय शास्त्रीय और लोक संगीत में प्रशिक्षित, ठाकुर को 2021 में संगीत नाटक अकादमी द्वारा उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मैथिली ठाकुर का संगीत सफर
मैथिली ठाकुर का जन्म बिहार के मधुबनी ज़िले में हुआ। उनके दादा और पिता ने उन्हें लोक, हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत, हारमोनियम और तबला वादन का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने मैथिली, भोजपुरी और हिंदी में बिहार के पारंपरिक लोकगीत प्रस्तुत किए हैं।