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मेरठ में नर्स के साथ हुई अमानवीय घटना: साहस और न्याय की कहानी

मेरठ में एक नर्स, सुनीता, के साथ हुई एक भयावह घटना ने पूरे मोहल्ले को हिला दिया। गजक खाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह एक अनजान घर में बेहोश पाई गई। तीन युवकों ने उसके साथ बर्बरता की, लेकिन सुनीता ने साहस दिखाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस घटना ने न केवल उसके परिवार को बल्कि पूरे समाज को जागरूक किया है। जानें कैसे सुनीता की कहानी न्याय की उम्मीद जगाती है।
 

एक रात की भयावह घटना

रात के समय, मेरठ के लोहियानगर में एक निजी अस्पताल की नर्स, सुनीता (काल्पनिक नाम), अपनी ड्यूटी खत्म कर तेजगढ़ी चौराहे की ओर लौट रही थी। थकावट के बाद, उसने टेंपो में सवार होकर यात्रा शुरू की। टेंपो में पहले से बैठी एक महिला ने मुस्कुराते हुए उसे गजक पेश की। मीठे का लालच उसे गजक खाने के लिए मजबूर कर गया, लेकिन यह मिठास उसके लिए एक डरावने सपने में बदल गई।


भयानक अनुभव

गजक खाने के तुरंत बाद, सुनीता की तबीयत बिगड़ने लगी। वह कुछ समझ पाती, इससे पहले ही उसकी बेहोशी छा गई। जब उसकी होश लौटी, तो उसने खुद को एक अनजान घर में पाया, जहां तीन युवक मौजूद थे, जिनमें से एक उसे पहले से जानता था। उस रात, इन तीनों ने उसके साथ बर्बरता की। डर और दर्द से जूझते हुए, सुनीता किसी तरह अपने घर पहुंची और अपने परिवार को अपनी आपबीती सुनाई।


पुलिस की कार्रवाई

सुबह होते ही, सुनीता अपने परिवार के साथ पुलिस थाने पहुंची। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों—दाऊद, उसके भाई वाहिद और एक महिला को गिरफ्तार कर लिया। सुनीता ने साहस दिखाते हुए अपने बयान दर्ज कराए, जिससे पुलिस को सच्चाई तक पहुंचने में मदद मिली। मेडिकल जांच और आरोपियों की पूछताछ शुरू की गई, और पुलिस ने इलाके में शांति और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।


संदेश और प्रेरणा

इस अमानवीय घटना ने पूरे मोहल्ले को हिला दिया। लेकिन सुनीता की बहादुरी, उसकी आवाज़ और न्याय की उम्मीद हमेशा एक मिसाल बने रहेंगे। उसकी कहानी यह दर्शाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी डर का सामना करना चाहिए—और यदि कोई घटना सच के साथ बताई जाए, तो न्याय अवश्य मिलता है।


कहानी का संदेश

हर चुनौती का सामना हिम्मत से किया जा सकता है।
यदि आपके साथ कुछ गलत हो, तो चुप न रहें—आवाज़ उठाएं, ताकि समाज में अपराध का डर मिटाया जा सके।


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