मेघालय के मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी पर उठाई आवाज़
मुख्यमंत्री का पत्र
शिलांग, 1 अगस्त: मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर राज्य सरकार से अपील की है कि वे दो कैथोलिक ननों के खिलाफ निष्पक्ष और पारदर्शी जांच सुनिश्चित करें। इन ननों को पिछले सप्ताह मानव तस्करी और बलात्कारी धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ्तारी का विवरण
संगमा ने पत्र में कहा कि सिस्टर वंदना फ्रांसिस और सिस्टर प्रीथी मैरी, जो उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित फातिमा अस्पताल से जुड़ी हैं, की गिरफ्तारी पर गहरी चिंता व्यक्त की।
इन दोनों ननों को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर 25 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था, साथ में एक अन्य व्यक्ति सुखमान मंडावी भी था। उनकी गिरफ्तारी एक बजरंग दल के कार्यकर्ता की शिकायत के बाद हुई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ये महिलाएं नारायणपुर जिले की तीन आदिवासी महिलाओं का बलात्कारी धर्मांतरण कर रही थीं।
संगमा की अपील
संगमा का यह हस्तक्षेप विभिन्न पक्षों से बढ़ती चिंताओं के बीच आया है, जिसमें संवेदनशीलता, निष्पक्षता और संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा की मांग की जा रही है।
ननों के खिलाफ छत्तीसगढ़ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 1968 की धारा 4 (बलात्कारी धर्मांतरण) और बीएनएस की धारा 143 (मानव तस्करी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
संगमा ने आरोपों को "झूठा" बताते हुए इसे "उत्पीड़न" का मामला कहा और छत्तीसगढ़ सरकार से धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने और न्याय सुनिश्चित करने की अपील की।
काथोलिक बिशप्स का हस्तक्षेप
उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि आरोपों की समीक्षा की जाए और उन्हें वापस लिया जाए।
संगमा ने कहा कि भारतीय काथोलिक बिशप्स सम्मेलन (CBCI) ने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए पत्र लिखा है।
मेघालय में कैथोलिक ईसाइयों ने भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को ननों के लिए न्याय की मांग करते हुए याचिकाएँ प्रस्तुत की हैं।
संगमा ने आशा व्यक्त की कि यह मुद्दा संवैधानिक मूल्यों और धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करते हुए हल किया जाएगा।