मूली के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ: जानें इसके 90 फायदे
मूली: एक बहुपरकारी सब्जी
★ मूली के 90 अद्भुत लाभ: जानें और इसे सलाद में शामिल करें ★
मूली भारत के विभिन्न हिस्सों में उगाई जाती है। यह गाजर की तरह जमीन के नीचे उगती है और इसकी मुख्य किस्में सफेद और लाल होती हैं। अक्टूबर और नवंबर के महीने में मूली का सेवन करना सबसे अच्छा माना जाता है। इसे कच्चा खाया जा सकता है और इसके पत्तों का साग भी बनाया जाता है। मूली के बीजों से तेल निकाला जाता है, जो पानी से भारी और रंगहीन होता है। भोजन के बीच में कच्ची मूली खाने से भूख बढ़ती है। सुबह के समय मूली के टुकड़ों पर नमक छिड़ककर रोटी के साथ खाना फायदेमंद होता है।
विभिन्न भाषाओं में मूली के नाम:
हिन्दी | मूली, मूला |
संस्कृत | चाणक्यमूलक, भूमिकक्षार, दीर्घकन्द |
गुजराती | मूला |
मराठी | मुड़ा |
बंगाली | मूला |
पंजाबी | मूली |
अरबी | फजलहुज़ल |
अंग्रेजी नाम | रेडिस |
कुलनाम | ब्रेसिसीकाज |
वैज्ञानिक नाम | रेपबेनस साटिवस ली |
मूली का रंग सामान्यतः सफेद होता है और इसका स्वाद तीखा होता है। यह गाजर की तरह जमीन के अंदर उगती है। इसके पत्ते नए सरसों के पत्तों के समान होते हैं।
मूली की तासीर ठंडी होती है और इसके बीजों में उड़नशील तेल पाया जाता है। वैज्ञानिक विश्लेषणों से पता चला है कि मूली में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फॉस्फोरस और आयरन मौजूद होते हैं। इसमें विटामिन A, C, पोटैशियम और तांबा भी पाया जाता है।
हालांकि, खाली पेट मूली खाने से जलन हो सकती है और सर्दियों में इसका सेवन नहीं करना चाहिए। मूली खाने के बाद दूध नहीं पीना चाहिए और रात में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
मूली कई रोगों में लाभकारी होती है, जैसे कि पाचन समस्याएं, मासिक धर्म में दर्द, बुखार, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं।
मूली में पाए जाने वाले तत्व:
तत्त्व | मात्रा | तत्त्व | मात्रा |
प्रोटीन | 0.7 प्रतिशत | अन्य खनिज पदार्थ | 0.6 प्रतिशत |
वसा | 0.1 प्रतिशत | कैल्शियम | 35 मिलीग्राम |
कार्बोहाइड्रेट | 3.4 प्रतिशत | फॉस्फोरस | 2.2 मिलीग्राम |
पानी | 94.4 प्रतिशत | लौह | 0.4 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम |
विटामिन-बी कॉम्प, | अल्प मात्रा में | विटामिन-सी | 15 मिलीग्राम प्रति 100 ग्राम |
रेशा | 0.8 प्रतिशत |
विभिन्न रोगों में सहायक:
1. पेशाब के समय जलन और दर्द: आधा गिलास मूली का रस पीने से पेशाब के साथ जलन और दर्द कम होता है।
2. पेशाब कम बनना: गुर्दे की खराबी से पेशाब बनना बंद हो जाए तो मूली का रस पीने से पेशाब फिर से बनने लगता है।
3. पेट में दर्द: मूली के रस में नमक और मिर्च मिलाकर सेवन करने से पेट साफ होता है और दर्द कम होता है।
4. हिचकी: मूली का जूस पीने से हिचकी बंद हो जाती है।
5. मधुमेह: मूली का सेवन करने से मधुमेह में लाभ होता है।
6. पीलिया: कच्ची मूली का सेवन करने से पीलिया रोग में सुधार होता है।
7. आंतों के रोग: मूली का रस आंतों में एण्टीसैप्टिक का कार्य करता है।
8. पथरी: मूली के बीजों का सेवन करने से मूत्राशय की पथरी बाहर निकल जाती है।
9. बवासीर: मूली का सेवन करने से बवासीर में राहत मिलती है।
10. त्वचा के रोग: मूली के पत्तों का रस त्वचा पर लगाने से त्वचा के रोग ठीक होते हैं।
मूली के अन्य लाभों में वजन कम करना, रक्तदाब को नियंत्रित करना, और पाचन शक्ति को बढ़ाना शामिल हैं। इसके नियमित सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिलती है।