मुरादाबाद में जीएसटी चोरी का बड़ा खुलासा: 1000 करोड़ का रैकेट बेनकाब
मुरादाबाद में जीएसटी चोरी का खतरनाक रैकेट
मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता
मुरादाबाद। एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है! उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जीएसटी चोरी का एक बड़ा रैकेट उजागर हुआ है, जो सुनने में भी डरावना है। लगभग 1000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी इतनी चतुराई से की जा रही थी कि दिल्ली से यूपी तक फर्जी कंपनियों का जाल बिछा दिया गया था। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की छापेमारी में यह मामला सामने आया है। फिलहाल, दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन पुलिस को विश्वास है कि इसके पीछे कई बड़े नाम अभी भी छिपे हुए हैं।
दिल्ली में बनती थीं फर्जी कंपनियां
जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, वे हैरान करने वाले हैं। यह सारा खेल दिल्ली से शुरू होता था, जहां गरीब और मजबूर लोगों को लालच देकर या धोखे से उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य दस्तावेज लेकर सैकड़ों फर्जी कंपनियां स्थापित की जाती थीं। ये कंपनियां केवल कागजों पर होती थीं – न कोई कार्यालय, न कोई वास्तविक कारोबार। फिर इन फर्जी कंपनियों के नाम पर उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में फर्जी इनवॉइस बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का गलत फायदा उठाया जाता था। असल में एक किलो माल भी नहीं जाता था, लेकिन बिल बनाकर अरबों रुपये की जीएसटी चोरी कर ली जाती थी।
SIT की छापेमारी में दो आरोपी गिरफ्तार
SIT ने तेजी से कार्रवाई करते हुए दो मुख्य आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा। इनके पास से कई एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, चेकबुक और सबसे महत्वपूर्ण – एक डायरी बरामद हुई। पुलिस का कहना है कि यह डायरी किसी खजाने से कम नहीं है। इसमें गैंग के सदस्यों के नाम, सभी फर्जी कंपनियों की सूची, फर्जी बिलिंग का पूरा विवरण और नेटवर्क का नक्शा लिखा हुआ है। इस डायरी के आधार पर कई और बड़े नाम सामने आने की संभावना है।
गैंग के मुख्य सरगना अभी भी फरार
पकड़े गए दोनों आरोपी केवल एक कड़ी का छोटा सा हिस्सा हैं। असली मास्टरमाइंड अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। SIT की टीमें दिल्ली, मुरादाबाद, लखनऊ और अन्य शहरों में लगातार छापे मार रही हैं। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही पूरा गैंग समाप्त हो जाएगा।
एसपी क्राइम का बयान
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी क्राइम ने बताया कि अब तक की जांच में लगभग 1000 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है क्योंकि कई कंपनियों की जांच अभी बाकी है और डायरी में दर्ज अन्य नामों की भी तफ्तीश चल रही है।
कई राज्यों में फैला जाल
जीएसटी विभाग और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह घोटाला केवल यूपी या मुरादाबाद तक सीमित नहीं है। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान सहित कई राज्यों में सैकड़ों फर्जी कंपनियों का नेटवर्क फैला हुआ है। जैसे-जैसे डायरी के पन्ने पलटते जा रहे हैं, नए नाम और राज खुलते जा रहे हैं। कुछ व्यापारी और चार्टर्ड अकाउंटेंट भी इस गोरखधंधे में शामिल पाए गए हैं।
बड़े नामों का खुलासा
अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि अगले कुछ दिनों में इस डायरी से कौन-कौन से बड़े नाम सामने आएंगे। 1000 करोड़ के इस मेगा जीएसटी स्कैंडल ने फिर से साबित कर दिया है कि कुछ लोग कानून को चकमा देकर कितने शातिर खेल खेल रहे हैं। लेकिन इस बार SIT ने जो कमर कसी है, लगता है इनका खेल ज्यादा दिन नहीं चलेगा!