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मुरादाबाद में छात्रा की आत्महत्या: ब्लैकमेलिंग का शिकार

मुरादाबाद में 16 वर्षीय छात्रा अक्शा मलिक ने लगातार हो रही ब्लैकमेलिंग के कारण आत्महत्या कर ली। परिजनों का आरोप है कि जसपुर से आए एक युवक ने उसे परेशान किया। अक्शा ने अपने माता-पिता को अपनी स्थिति के बारे में बताया था, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। उसकी मौत ने पूरे गांव में शोक का माहौल बना दिया है और परिवार न्याय की मांग कर रहा है। जानें इस दुखद घटना के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

मुरादाबाद की छात्रा ने ब्लैकमेलिंग से तंग आकर ली जान

मयंक त्रिगुण, वरिष्ठ संवाददाता

मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से एक बेहद दुखद घटना सामने आई है, जिसने सभी को झकझोर दिया है। ठाकुरद्वारा कोतवाली क्षेत्र के किशनपुर गांवड़ी में रहने वाली 16 वर्षीय छात्रा अक्शा मलिक ने लगातार हो रही ब्लैकमेलिंग के कारण आत्महत्या कर ली। परिजनों का आरोप है कि जसपुर (उत्तराखंड) से आए एक युवक शान ने लंबे समय से उसे परेशान किया। अक्शा ने पहले भी इस बारे में अपने परिवार को बताया था, लेकिन कोई मदद नहीं मिल पाई।

अक्शा की यादें अब केवल परिवार में रह गई हैं। वह कृष्णा डिग्री कॉलेज में बीए की पढ़ाई कर रही थी और डॉक्टर बनने का सपना देखती थी। उसके पिता शरीफ अहमद गांव के पूर्व प्रधान रह चुके हैं और पूरा परिवार शिक्षित और सम्मानित है। लेकिन शान के अत्याचारों ने उसे इस हद तक पहुंचा दिया कि उसने जीवन समाप्त करने का निर्णय लिया।

परिवार का कहना है कि शान उसे महीनों से ब्लैकमेल कर रहा था, उसे धमकियां देता था और उसकी निजी तस्वीरें भेजकर बदनाम करने की कोशिश करता था। अक्शा बार-बार अपने माता-पिता से कहती थी कि वह बहुत डर रही है, लेकिन शान की हरकतें जारी रहीं। अंततः, वह इतनी टूट गई कि उसने पढ़ाई छोड़ दी और सोमवार दोपहर करीब 2:30 बजे अपने कमरे में चली गई।

जब काफी देर तक वह बाहर नहीं आई, तो उसकी मां ने चिंता जताई। दरवाजा खटखटाने पर कोई जवाब नहीं मिला। अंततः, परिवार ने दरवाजा तोड़कर देखा तो अक्शा पंखे से लटकी हुई थी। उसकी आंखें खुली थीं और चेहरा नीला पड़ गया था। मां बेहोश हो गईं और पिता की चीख निकल गई। पूरा परिवार इस दुखद घटना से सदमे में है।

कमरे में एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें अक्शा ने लिखा था, “पापा, मैं आपकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतर सकी। मैं ब्लैकमेलिंग से तंग आ गई हूं। शान ने मुझे जीने नहीं दिया। मुझे माफ कर देना।”

यह पढ़कर वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखों में आंसू आ गए। डिप्टी एसपी आशीष कुमार सिंह ने परिवार से वादा किया कि शान को 48 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया जाएगा। कोतवाली प्रभारी मनोज परमार भी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की।

परिवार का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। उनका कहना है कि अगर पहले कार्रवाई की गई होती, तो उनकी बेटी आज जिंदा होती। अब वे केवल न्याय की मांग कर रहे हैं। अक्शा का पोस्टमार्टम हो चुका है और मंगलवार को शव परिवार को सौंप दिया गया। गांव में शोक का माहौल है। माता-पिता अब और चिंतित हैं कि कहीं उनकी बेटियों के साथ भी ऐसा न हो।

अब सवाल यह है कि शान अभी तक क्यों नहीं पकड़ा गया? पुलिस का कहना है कि वह फरार है, लेकिन उसकी लोकेशन ट्रेस की जा रही है। परिवार का मानना है कि वह गांव के आसपास ही छिपा हुआ है। अक्शा की मौत ने एक बार फिर ब्लैकमेलिंग करने वालों को हिम्मत दी है कि वे लड़कियों की जिंदगी से खेलते रहें।