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मुरादाबाद में कंटेनर में लगी आग से लाखों का नुकसान, फायर ब्रिगेड ने बचाई स्थिति

मुरादाबाद में एक कंटेनर में आग लगने से लाखों रुपए के चिप्स जलकर राख हो गए। फायर ब्रिगेड ने तीन घंटे की मेहनत के बाद आग पर काबू पाया। प्रत्यक्षदर्शियों ने घटना को भयावह बताया, और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जानें इस घटना के पीछे की कहानी और सुरक्षा के सवाल।
 

मुरादाबाद में बड़ा हादसा

मुरादाबाद: रविवार दोपहर लगभग 3 बजे मझोला थाना क्षेत्र के आरटीओ रोड पर एक गंभीर घटना घटित हुई। सड़क के किनारे खड़ा एक कंटेनर अचानक आग की लपटों में घिर गया। आग इतनी तेजी से फैली कि उसमें लदी एक कंपनी के लाखों रुपए के चिप्स पूरी तरह जलकर राख हो गए। यह दृश्य देखकर आसपास के लोग भयभीत हो गए। धुएं ने दूर-दूर तक फैलाव किया और ट्रैफिक भी प्रभावित हुआ। अच्छी बात यह रही कि फायर ब्रिगेड को तुरंत सूचना मिली और वे मौके पर पहुंच गए, अन्यथा पास की दुकानों को भी नुकसान हो सकता था.


आग लगने की घटना का विवरण

दोपहर में सब कुछ सामान्य था। कंटेनर आरटीओ रोड के किनारे खड़ा था, संभवतः माल उतारने या लोड करने का इंतजार कर रहा था। अचानक उसमें से धुआं निकलने लगा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पहले तो धुआं हल्का था, लेकिन कुछ ही मिनटों में आग भड़क उठी। लोग चिल्लाने लगे और पानी डालने की कोशिश करने लगे, लेकिन आग इतनी भयंकर थी कि कोई भी पास नहीं जा सका। कंटेनर में चिप्स के पैकेट थे, जो आग लगते ही जलने लगे। इससे कंपनी को लाखों का नुकसान हुआ है।


फायर ब्रिगेड की तत्परता

सूचना मिलते ही मझोला थाने की पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। फायर फाइटर्स ने तुरंत आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। हालांकि, आग इतनी भयंकर थी कि इसे काबू में लाने में लगभग तीन घंटे लग गए। फायरमैन बार-बार कंटेनर के पास जाकर आग बुझाने की कोशिश करते रहे। अंततः शाम तक आग पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया गया। यदि टीम थोड़ी देर और लेट होती, तो आसपास की दुकानें और वाहन भी जल सकते थे।


प्रत्यक्षदर्शियों की प्रतिक्रिया

वहां मौजूद लोगों की आंखों में डर साफ नजर आ रहा था। एक दुकानदार ने कहा, “अचानक धुआं देखा, फिर आग की लपटें उठीं। हम भागे, लेकिन चिप्स की खुशबू जलने की बदबू में बदल गई।” एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “कंटेनर खड़ा था, शायद शॉर्ट सर्किट से आग लगी हो। फायर ब्रिगेड नहीं आती तो बड़ा हादसा हो जाता।” पुलिस ने इलाके को खाली करवाया और ट्रैफिक को डायवर्ट किया। अब जांच चल रही है कि आग कैसे लगी।


नुकसान का आकलन

कंटेनर में एक प्रसिद्ध कंपनी के चिप्स थे, जिनका मूल्य लाखों में था, जो अब केवल राख में तब्दील हो चुका है। कंपनी को भारी नुकसान हुआ है। ड्राइवर और हेल्पर बाल-बाल बचे, क्योंकि वे पास में ही थे। कोई मानव जीवन का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन संपत्ति का नुकसान बड़ा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और फॉरेंसिक टीम भी बुलाई गई है।


सुरक्षा पर सवाल

मुरादाबाद में ऐसे हादसे पहले भी हो चुके हैं, लेकिन यह सबसे भयावह था। लोग कह रहे हैं कि सड़क किनारे खड़े वाहनों की सुरक्षा की जांच होनी चाहिए। फायर ब्रिगेड ने फिर साबित कर दिया कि वे किसी सुपरहीरो से कम नहीं हैं। तीन घंटे की मेहनत के बाद आग बुझी, जिससे सभी ने राहत की सांस ली। यदि आप आरटीओ रोड से गुजरते हैं, तो सावधान रहें। ऐसे कंटेनरों से दूरी बनाएं। और हां, यदि कभी धुआं दिखे तो तुरंत 112 या फायर ब्रिगेड को कॉल करें। यह हादसा एक सबक है कि लापरवाही कितनी महंगी पड़ सकती है।


जांच और भविष्य की सुरक्षा

पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद विस्तृत रिपोर्ट आएगी। फिलहाल, क्षेत्र सामान्य हो गया है, लेकिन धुएं की गंध अभी भी मौजूद है। ऐसे में सवाल उठता है – क्या हमारी सड़कें सुरक्षित हैं? अगला हादसा कब होगा? सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!