मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना: बिहार में महिलाओं के लिए नई शुरुआत
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला रोजगार योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को उद्यमिता में स्थापित करना है। इस योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे अपने पसंद के रोजगार शुरू कर सकें। योजना का कार्यान्वयन ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाएगा, और इससे न केवल महिलाओं का जीवन स्तर सुधरेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इस योजना के माध्यम से लाखों महिलाओं को लाभ होगा और बिहार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा।
Sep 5, 2025, 19:55 IST
महिलाओं के लिए रोजगार का नया अवसर
बिहार में महिलाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना का उद्घाटन किया है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद, 7 सितंबर को मुख्यमंत्री इस योजना से संबंधित दस्तावेज जारी करेंगे, जिससे लाभार्थियों को सहायता मिलनी शुरू होगी। इस योजना का कार्यान्वयन ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाएगा। विभागीय मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि यह योजना न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि पूरे बिहार की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि राज्य के हर परिवार की एक महिला को अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता मिले। जब महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, तब समाज की प्रगति संभव होगी।
आर्थिक सहायता और रोजगार के अवसर
मंत्री श्रवण कुमार ने योजना की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इस योजना के तहत 10 हजार रुपये की पहली किस्त इसी महीने (सितंबर) में 1 परिवार की एक महिला के खाते में भेजी जाएगी। इसके अलावा, रोजगार शुरू करने के बाद 2 लाख रुपये और दिए जाएंगे। यह गर्व की बात है कि बिहार महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार
यह योजना केवल आर्थिक सहायता का साधन नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का प्रयास है। महिलाओं द्वारा शुरू किए गए व्यवसायों से न केवल उनके परिवारों का जीवन स्तर सुधरेगा, बल्कि नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। इससे पलायन की समस्या कम होगी और गांवों में रोजगार के साधन बढ़ेंगे, जिससे बिहार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। कार्यक्रम के तहत 7 सितंबर 2025 को ग्राम संगठन स्तर पर आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी। शहरी क्षेत्रों के लिए एक वेब पोर्टल भी लॉन्च किया जाएगा ताकि महिलाएं आसानी से आवेदन कर सकें।
जीविका का मॉडल और महिलाओं की भागीदारी
श्री श्रवण कुमार ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग ने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को संगठित कर 'जीविका' का मॉडल विकसित किया है। 2006 में शुरू हुई इस पहल में अब तक 11 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह बन चुके हैं, जिनसे 1 करोड़ 40 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं। शहरी क्षेत्रों में भी जीविका का विस्तार हुआ है, जहां हजारों समूहों में महिलाएं कार्यरत हैं। ये महिलाएं न केवल स्वरोजगार के लिए आगे आ रही हैं, बल्कि बैंकिंग सेवाओं से भी जुड़कर उद्यमिता की नई मिसाल पेश कर रही हैं।
महिला संवाद कार्यक्रम और सुझाव
हाल ही में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में 60 हजार गांवों से 1 करोड़ 55 लाख से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। इस दौरान महिलाओं ने सरकार की योजनाओं पर संतोष व्यक्त किया और रोजगार के अधिक अवसर और ऋण की ब्याज दर में कमी की मांग की। सरकार ने पहले ही ब्याज दर में कमी की घोषणा की थी। अब महिलाओं को और अधिक सहयोग देने के लिए 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' की शुरुआत की गई है।
महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता
ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि इस योजना से लाखों महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा। योजना के तहत मिलने वाली राशि का उपयोग केवल रोजगार के लिए किया जाएगा, जिससे परिवार की आमदनी बढ़ेगी और जीवन स्तर में सुधार होगा। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पलायन की समस्या भी कम होगी। मंत्री ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने हमेशा महिलाओं की भागीदारी को विकास का केंद्र माना है। इस योजना से लाखों बहनों की आर्थिक स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त होगा और बिहार एक नए आत्मनिर्भर युग में प्रवेश करेगा।