मुख्यमंत्री ने जनजातीय कल्याण के लिए नई योजनाओं की घोषणा की
जनजातीय अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि राज्य सरकार जनजातीय समुदाय के जल, जंगल और जमीन से जुड़े अधिकारों की रक्षा के प्रति गंभीर है। पेसा कानून के माध्यम से जनजातीय क्षेत्र की ग्राम सभाओं को सशक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने इन अधिकारों की रक्षा के लिए अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समुदाय को गर्व और सम्मान प्राप्त हुआ है।
बजट और योजनाओं का विस्तार
मुख्यमंत्री ने बताया कि जनजातीय कल्याण के लिए राज्य सरकार ने 47,296 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए पारिश्रमिक को 3 हजार रुपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपये किया गया है। वन अधिकार अधिनियम के तहत 2 लाख 89 हजार व्यक्तिगत और 28,754 सामुदायिक दावे मान्य किए गए हैं, जिससे पीएम आवास, कपिल धारा, डीजल पंप, पीएम किसान सम्मान निधि, और केसीसी जैसी योजनाओं का लाभ मिल रहा है।
मध्यप्रदेश की अग्रणी भूमिका
डॉ. यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं में मध्यप्रदेश एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पीएम जनमन योजना के तहत 98 करोड़ 30 लाख और धरती आबा योजना में 401 करोड़ 56 लाख रुपये के लोकार्पण और शिलान्यास किए गए हैं। इस योजना के अंतर्गत 21 जिलों में 66 मोबाइल मेडिकल यूनिट कार्यरत हैं। प्रधानमंत्री वन-धन केंद्र योजना के तहत 20 जिलों में 126 वन-धन केंद्र स्थापित किए गए हैं।
शिक्षा और छात्रवृत्तियों का प्रावधान
मुख्यमंत्री ने बताया कि जनजातीय विद्यार्थियों को आकांक्षा योजना के तहत NEET, CLAT, और JEE परीक्षाओं की कोचिंग दी जा रही है। राष्ट्रीय संस्थानों जैसे IIT, AIIMS, NIT, और NLIU में प्रवेश लेने पर 50 हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इसके अलावा, विदेश में उच्च शिक्षा के लिए भी छात्रवृत्तियाँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
छात्रावास और कौशल विकास
डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जनमन और धरती आबा योजना के तहत अनुसूचित जनजाति छात्रों के लिए 210 छात्रावास स्वीकृत किए गए हैं। राज्य के तीन एकलव्य पॉलीटेक्निक कॉलेजों में 1,040 जनजातीय विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। संघ लोक सेवा आयोग और मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षाओं में सफल होने वाले छात्रों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
आर्थिक सहायता और स्वास्थ्य योजनाएँ
भगवान बिरसा मुंडा स्वरोजगार योजना और टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत पिछले चार वर्षों में 9,065 जनजातीय युवाओं को स्वरोजगार के लिए लगभग 418.67 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है। सिकलसेल हीमोग्लोबिनोपैथी मिशन सभी 89 जनजातीय विकासखंडों में लागू किया गया है, जिसमें अब तक 1.17 करोड़ से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।
महिलाओं के लिए विशेष योजनाएँ
बैगा, सहारिया और भारिया जनजाति की महिलाओं के लिए आहार अनुदान योजना वरदान साबित हुई है, जिसमें उन्हें प्रतिमाह 1500 रुपये मिलते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय गरिमा का पूरा मान-सम्मान रखा गया है। रानी दुर्गावती और जनजातीय राजा भभूत सिंह की स्मृति में कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया।
भविष्य की योजनाएँ
विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं को पुलिस, सेना और होमगार्ड में भर्ती के लिए प्रशिक्षण देने के लिए बैगा, भारिया और सहरिया बटालियन का गठन किया जाएगा। छिंदवाड़ा में बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय और जबलपुर में राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया गया है। भगोरिया को राजकीय उत्सव के रूप में मनाने की योजना है।