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मुख्यमंत्री धामी की केंद्रीय रक्षा मंत्री से महत्वपूर्ण बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से नई दिल्ली में मुलाकात की, जिसमें उन्होंने राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। धामी ने रानीखेत और लैंसडौन को नगर पालिका में शामिल करने, सैन्य हेलीपैडों के उपयोग, और जलविद्युत परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता की मांग की। उन्होंने नंदा देवी राज जात यात्रा के मार्ग की भी चर्चा की, जो राज्य की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इस बैठक में कई विकास योजनाओं पर सकारात्मक आश्वासन भी मिला।
 

मुख्यमंत्री की केंद्रीय रक्षा मंत्री से मुलाकात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की, जिसमें राज्य के विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से रानीखेत और लैंसडौन कैंट क्षेत्रों को नगर पालिका में शामिल करने का अनुरोध किया, जिससे इन क्षेत्रों में पर्यटन और जन सुविधाओं का समग्र विकास संभव हो सके। इसके अलावा, उन्होंने धारचूला और जोशीमठ के सैन्य हेलीपैडों को आरसीएस हवाई सेवा के तहत उपयोग करने की अनुमति देने की भी मांग की। मुख्यमंत्री ने राज्य में आपदा और राहत कार्यों के लिए भारतीय वायुसेना की सेवाओं पर लगने वाले शुल्क को माफ करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने ग्वालदम से नंदकेसरी होते हुए थराली देवाल-मुंदोली-वाण मोटर मार्ग के रखरखाव का कार्य लोक निर्माण विभाग से कराने की बात भी की। 


महत्वपूर्ण यात्रा का मार्ग

मुख्यमंत्री ने बताया कि यह सड़क नंदा देवी राज जात यात्रा का मुख्य मार्ग है, जो हर 12 वर्ष में आयोजित होती है और 2026 में होने वाली है। यह यात्रा राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का प्रतीक है। केंद्रीय रक्षा मंत्री ने सभी प्रस्तावों पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने सोमवार को केंद्रीय ऊर्जा और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल से भी मुलाकात की, जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत विशेष सहायता और राज्य में जलविद्युत परियोजनाओं के विकास का अनुरोध किया। एक विज्ञप्ति में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश-हरिद्वार क्षेत्र में बिजली लाइनों को स्वचालित करने और कुमाऊं तथा ऊपरी यमुना क्षेत्रों में जलविद्युत परियोजनाओं के लिए 4,000 करोड़ रुपये की व्यवहार्यता अंतर निधि की मांग की।


ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि के लिए योजनाएं

मुख्यमंत्री ने राज्य के दूरदराज के क्षेत्रों में पम्प भण्डारण परियोजनाओं के विकास के लिए 3800 करोड़ रुपये की वायबिलिटी गैप फंड की भी मांग की, ताकि ऊर्जा उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सके और स्थानीय विकास को बढ़ावा मिल सके। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पावर सिस्टम डेवलपमेंट फंड के अंतर्गत पिटकुल की दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं की डीपीआर स्वीकृत करने और इन्हें शत-प्रतिशत अनुदान के साथ स्वीकृत करने का अनुरोध किया। इन परियोजनाओं की कुल लागत 1007.82 करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत कमजोर आय वर्ग के लिए आवासीय इकाइयों के निर्माण में वर्तमान दिशा-निर्देशों की व्यावहारिक चुनौतियों की ओर केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित किया।