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मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जीएसटी सुधारों पर मोदी की आलोचना की

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीएसटी सुधारों पर आलोचना की है, यह बताते हुए कि उपभोक्ताओं को मिलने वाली राहत का आधा हिस्सा राज्य सरकारों द्वारा वहन किया जाता है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह उन फंड्स को नकार रही है जो राज्यों के हैं। स्टालिन ने यह भी कहा कि यदि जीएसटी सुधारों को पहले लागू किया गया होता, तो देशभर के परिवार पहले ही कई लाख करोड़ रुपये बचा चुके होते। प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी दरों में संशोधन को बचत उत्सव बताया है।
 

जीएसटी सुधारों पर मुख्यमंत्री की टिप्पणी

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधारों से उपभोक्ताओं को मिलने वाली राहत का आधा हिस्सा राज्य सरकारों द्वारा वहन किया जाता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह राहत वास्तव में राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है, जिसे केंद्र सरकार ने न केवल स्वीकार करने में विफलता दिखाई है, बल्कि इसकी सराहना भी नहीं की है। स्टालिन ने कहा कि केंद्र उन फंड्स को नकार रहा है जो वास्तव में राज्यों के हैं। डीएमके प्रमुख ने एक्स पर लिखा कि तमिलनाडु को समग्र शिक्षा निधि से वंचित किया जा रहा है क्योंकि राज्य हिंदी अधिरोपण को स्वीकार नहीं करता। उन्होंने सवाल उठाया कि यह अन्याय कब समाप्त होगा?


मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान की आलोचना करते हुए जिसमें उन्होंने कहा था कि जीएसटी सुधारों और आयकर में राहत से भारतीयों को 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी, स्टालिन ने कहा कि विपक्ष की यही मांग रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ये उपाय आठ साल पहले लागू किए गए होते, तो देशभर के परिवार पहले ही कई लाख करोड़ रुपये बचा चुके होते। जीएसटी सुधारों को 22 सितंबर, नवरात्रि के पहले दिन लागू किया गया था, और प्रधानमंत्री मोदी ने इसे जीएसटी बचत उत्सव का नाम दिया था।


जीएसटी प्रणाली में बदलाव

जीएसटी सुधारों के अंतर्गत, नई प्रणाली दो-स्तरीय संरचना को पेश करती है। पहले, जीएसटी चार कर स्लैब - 5%, 12%, 18% और 28% में लागू होता था, जिसमें विलासिता और "पाप" वस्तुओं पर क्षतिपूर्ति उपकर भी शामिल था।


प्रधानमंत्री का संबोधन

राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आयकर सुधारों के साथ-साथ आज से लागू जीएसटी दर संशोधन से भारतीयों को 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने इसे बचत उत्सव का नाम देते हुए कहा कि जीएसटी दरों में कमी से गरीबों और नव-मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी।