मुख्य न्यायाधीश पर जूते से हमला: अठावले ने की कड़ी निंदा
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई पर जूते से हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इस घटना के पीछे के वकील के खिलाफ एससी/एसटी अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की आलोचना की है। अठावले का कहना है कि यह हमला दलित समुदाय के खिलाफ पूर्वाग्रह का परिणाम है। इस घटना ने विपक्ष को भाजपा पर हमला करने का एक नया मौका दिया है।
Oct 10, 2025, 13:08 IST
मुख्य न्यायाधीश पर हमला
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने गुरुवार को बताया कि भारत के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के दौरान जूते से निशाना बनाया गया, जो कि उनके दलित होने के कारण हुआ। उन्होंने इस घटना के पीछे के वकील के खिलाफ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की। पणजी में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अठावले ने कहा कि यह पहली बार है जब भारत के मुख्य न्यायाधीश पर इस तरह का हमला हुआ है। गवई दलित समुदाय से हैं और उनके पिता केरल और बिहार के राज्यपाल रह चुके हैं। उनकी मेहनत और शिक्षा के कारण वे बॉम्बे हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे और मुख्य न्यायाधीश बने। उच्च जाति के कुछ लोगों को यह बात पसंद नहीं आई, जिसके चलते उन पर हमला किया गया।
प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
अठावले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना की निंदा की और मुख्य न्यायाधीश से बात की। उन्होंने कहा कि मेरी मांग है कि आरोपियों के खिलाफ (एससी/एसटी) अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए। दलित नेता अठावले की यह टिप्पणी विपक्ष द्वारा भाजपा को घेरने की कोशिश को और मजबूती दे सकती है, क्योंकि मुख्य न्यायाधीश पर हमले के पीछे के वकील राकेश किशोर ने कहा है कि वे सनातन धर्म के नाम पर ऐसा कर रहे हैं।
वकील की गिरफ्तारी
घटना के बाद किशोर को हिरासत में लिया गया था, लेकिन जस्टिस गवई के यह कहने पर कि वह आरोप नहीं लगाना चाहते, उसे छोड़ दिया गया। किशोर ने मीडिया से कहा कि उसे अपने कार्य पर कोई पछतावा नहीं है, लेकिन कई लोगों ने उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई न होने पर सवाल उठाए हैं।