मुंबई में भाषा विवाद: लोकल ट्रेन में महिलाओं के बीच गरमागरम बहस
मुंबई में मराठी और हिंदी भाषाओं के बीच चल रहे विवाद ने लोकल ट्रेनों में भी दस्तक दे दी है। एक वायरल वीडियो में महिलाओं के बीच सीट को लेकर हुई बहस ने भाषा विवाद का रूप ले लिया। रेलवे अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है। यह ताजा विवाद महाराष्ट्र में चल रही भाषा संबंधी बहस का एक और उदाहरण है, जिसमें मनसे कार्यकर्ताओं की गतिविधियों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
Jul 20, 2025, 16:30 IST
मुंबई की लोकल ट्रेनों में भाषा का विवाद
महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी भाषाओं के बीच चल रहे विवाद ने अब मुंबई की लोकल ट्रेनों में भी दस्तक दे दी है। हाल ही में, एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें महिलाओं के बीच सीट को लेकर हुई बहस ने भाषा विवाद का रूप ले लिया। वीडियो में एक महिला को यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'अगर मुंबई में रहना है, तो मराठी बोलो, वरना बाहर निकल जाओ!'
यह घटना शुक्रवार शाम को सेंट्रल लाइन की एक भीड़भाड़ वाली महिला बोगी में हुई। सीटों के बंटवारे को लेकर शुरू हुई एक छोटी सी झड़प जल्द ही भाषा पर गरमागरम बहस में बदल गई। जैसे ही एक महिला ने मराठी बोलने की बात की, अन्य महिलाएं भी इस बहस में शामिल हो गईं, जिससे विवाद और बढ़ गया।
रेलवे अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह घटना सेंट्रल रेलवे की एक लोकल ट्रेन के महिला डिब्बे में हुई। हालांकि, अभी तक किसी भी पक्ष ने अधिकारियों के पास कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
यह ताजा विवाद महाराष्ट्र में चल रही भाषा संबंधी बहस का एक और उदाहरण है। हाल के दिनों में, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं को मराठी न बोलने वालों को निशाना बनाने और उन पर हमले करने के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
इस हफ्ते की शुरुआत में, मुंबई के विक्रोली में मनसे कार्यकर्ताओं ने एक दुकानदार पर हमला किया था। आरोप था कि दुकानदार ने एक व्हाट्सएप स्टेटस लगाया था जिसे मराठी समुदाय के लिए अपमानजनक माना गया। दुकानदार को न केवल सार्वजनिक रूप से माफी मांगने पर मजबूर किया गया, बल्कि उसके साथ मारपीट भी की गई।
एक और घटना ठाणे में हुई, जहां मनसे कार्यकर्ताओं ने एक स्ट्रीट फूड विक्रेता को सिर्फ इसलिए थप्पड़ मारा क्योंकि उसने मराठी बोलने से मना कर दिया था। इसके अलावा, पालघर जिले में भी मनसे और शिवसेना (यूबीटी) समर्थकों द्वारा एक प्रवासी ऑटो-रिक्शा चालक पर मराठी न बोलने के कारण हमला किया गया था।