मुंबई में बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्या का एनकाउंटर: पूर्व मंत्री दीपक केसरकर की प्रतिक्रिया
रोहित आर्या का एनकाउंटर और बच्चों की सुरक्षा
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री दीपक केसरकर.
मुंबई के पवई स्थित RA स्टूडियो में 17 बच्चों को बंधक बनाने वाले रोहित आर्या का एनकाउंटर कर दिया गया है। पुलिस ने बंधकों को बचाने के लिए बाथरूम की खिड़कियां तोड़कर स्टूडियो में प्रवेश किया। इस कार्रवाई के दौरान रोहित को गोली लगी, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। रोहित के पिछले विवादों की चर्चा फिर से शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि वह शिक्षा विभाग के एक प्रोजेक्ट से जुड़े थे, जिसके लिए उन्हें भुगतान नहीं मिला था। इस संदर्भ में पूर्व मंत्री दीपक केसरकर ने अपनी राय व्यक्त की है।
दीपक केसरकर ने कहा कि यदि यह बिल का मामला था, तो संबंधित विभाग से संवाद करना चाहिए था और समस्या का समाधान निकालना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सरकार के कार्य करने का एक निश्चित तरीका होता है और इस तरह का हॉस्टेज मामला बेहद गलत है। आइए जानते हैं कि रोहित आर्या कौन थे और उन्होंने कितने बच्चों को बंधक बनाया था।
- सवाल- स्टूडियो में किन बच्चों को बुलाया गया था, उनकी उम्र क्या थी?
- जवाब: लगभग 10 से 15 वर्ष के बच्चों को आरए स्टूडियो में बुलाया गया था।
- सवाल– कितने बच्चों को बंधक बनाया गया?
- जवाब: रोहित आर्या ने एक वरिष्ठ नागरिक सहित कुल 17 बच्चों को बंधक बनाया।
- सवाल– बच्चों को स्टूडियो में बुलाने के लिए क्या कहा गया था?
जवाब: एक वेब सीरीज के लिए 17 बच्चों का ऑडिशन लिया जा रहा था। बच्चों को यह कहकर बुलाया गया था कि यदि उनका चयन हो गया, तो उन्हें वेब सीरीज़ में काम करने का अवसर मिलेगा। - सवाल- क्या बच्चों से फीस ली गई? क्या फॉर्म भरे गए?
- जवाब: अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बच्चों ने फॉर्म भरे थे या नहीं। फीस के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिली है।
- सवाल- बच्चे स्टूडियो में किस समय पहुंचे?
- जवाब- पिछले छह दिनों से पवई स्थित आरए स्टूडियो में ऑडिशन चल रहे थे। ऑडिशन सुबह 10 बजे शुरू होते थे और बच्चों को रात 8 बजे छुट्टी दी जाती थी।
- सवाल– बच्चों को बंधक बनाकर क्या मांग की गई?
- जवाब: रोहित आर्या ने बच्चों को बंधक बनाते हुए एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उसने कुछ सवाल पूछने की बात कही थी। हालांकि, उसने अपनी मांग स्पष्ट नहीं की।
- सवाल– पुलिस कितने बजे पहुंची?
- जवाब: बच्चे हमेशा की तरह सुबह 10 बजे ऑडिशन के लिए गए थे। उन्हें दोपहर 1 से 2 बजे के बीच लंच के लिए बाहर आना था, लेकिन उस दिन बच्चे बाहर नहीं आए। जब पता चला कि बच्चों को बंधक बनाया गया है, तो पुलिस ने दोपहर 1 से शाम 5 बजे के बीच कार्रवाई की।
- सवाल– माता-पिता को कब एहसास हुआ कि उनके बच्चों को बंधक बनाया गया है?
- जवाब: ऑडिशन के लिए स्टूडियो जाने के बाद बच्चे लंच के लिए बाहर आते थे, लेकिन उस दिन उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। बाद में अभिभावकों को पता चला कि उनके बच्चों को रोक लिया गया है।
- सवाल– पुलिस स्टूडियो में कैसे घुसी?
- जवाब: पुलिस ने पहले रोहित से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन जब कोई हल नहीं निकला, तो उन्होंने बाथरूम की खिड़की तोड़कर अंदर प्रवेश किया। इसके बाद पुलिस ने बच्चों को सुरक्षित किया और इस दौरान रोहित पर गोली चलाई गई, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।