मुंबई में कबूतरखाने पर प्रतिबंध के खिलाफ जैन समुदाय का विरोध
दादर के कबूतरखाने में कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध के खिलाफ जैन समुदाय ने मुंबई में विरोध प्रदर्शन किया। जैन मुनि नीलेशचंद्र विजय ने भूख हड़ताल की चेतावनी दी, लेकिन इसे अस्थायी रूप से टाल दिया। बीएमसी के स्वास्थ्य कारणों से लगाए गए प्रतिबंध को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है। मराठी एकीकरण समिति ने जैन समुदाय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी।
Aug 13, 2025, 16:07 IST
जैन समुदाय का विरोध प्रदर्शन
दादर के कबूतरखाने में कबूतरों को दाना डालने पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ जैन समुदाय ने बुधवार को मुंबई में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। जैन मुनि नीलेशचंद्र विजय ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी थी, लेकिन अब उन्होंने इसे अस्थायी रूप से टालने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ बातचीत के बाद, धार्मिक नेता ने भूख हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि यदि राज्य सरकार से "कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया" नहीं मिली, तो वे भूख हड़ताल शुरू कर देंगे।
क्या है मामला?
बृहन्मुंबई नगर निगम का निर्णय
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए दादर कबूतरखाने में कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बीएमसी के इस निर्णय को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई की पीठ ने कहा कि इस अदालत द्वारा समानांतर हस्तक्षेप उचित नहीं है। याचिकाकर्ता इस आदेश में संशोधन के लिए हाईकोर्ट जा सकता है।
मराठी एकीकरण समिति का विरोध
विरोध प्रदर्शन का आह्वान
बुधवार को, मराठी एकीकरण समिति ने जैन समुदाय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया और दादर कबूतरखाने में कबूतरों को दाना डालने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की। समिति ने अदालत के आदेशों का उल्लंघन करने और कबूतरखाने से तिरपाल हटाकर कबूतरों को दाना डालने के आरोप में जैन समुदाय के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है। 6 अगस्त को, जैन समुदाय ने दादर कबूतरखाने से ढका तिरपाल हटाकर विरोध प्रदर्शन किया। राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मराठी एकीकरण समिति के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने का निर्णय लिया है। समिति को उम्मीद है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) भी इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन करेगी।