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मुंबई में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई, हजारों निर्वासित

मुंबई में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में अब तक एक हजार से अधिक लोगों को निर्वासित किया गया है। पुलिस ने इस वर्ष 401 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं और कई बांग्लादेशियों के पास से फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए हैं। दिल्ली में भी इसी तरह की कार्रवाई की गई है, जहां हजारों प्रवासियों को वापस भेजा गया। जानें इस अभियान की पूरी जानकारी और इसके पीछे की वजहें।
 

मुंबई में अवैध प्रवासियों के खिलाफ अभियान

देश में बांग्लादेशी प्रवासियों के दस्तावेज चेक किए जा रहे (सांकेतिक/PTI)

भारत में बांग्लादेशी नागरिकों की एक बड़ी संख्या अवैध रूप से निवास कर रही है। इन प्रवासियों को लगातार निर्वासित किया जा रहा है, और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। मुंबई में भी अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या काफी अधिक है। मुंबई पुलिस ने बताया कि बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे लोगों को निकाला जा रहा है, और इस वर्ष अब तक एक हजार से अधिक लोगों को निर्वासित किया जा चुका है।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जनवरी से अब तक मुंबई में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ 401 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 1,001 लोगों को निर्वासित किया गया है।

फर्जी दस्तावेजों का मामला

पुलिस ने वीजा उल्लंघनों की जांच के दौरान संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया। एक अधिकारी ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों को पुणे ले जाया गया और फिर भारतीय वायुसेना के विशेष विमानों से बांग्लादेश की सीमा पर भेजा गया।

जांच के दौरान, कई बांग्लादेशी प्रवासियों के पास से फर्जी भारतीय दस्तावेज, जैसे आधार कार्ड, बरामद हुए।

दिल्ली में भी कार्रवाई

भारत में अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ अभियान लगातार चल रहा है। हाल ही में दिल्ली में भी ऐसे प्रवासियों को वापस भेजा गया। जून में, दिल्ली से एक हजार से अधिक बांग्लादेशियों को निर्वासित किया गया था।

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि जनवरी 2025 से अब तक 1,100 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को राजधानी से निर्वासित किया गया है, जिनमें से लगभग एक तिहाई निष्कासन पिछले दो हफ्तों में हुए हैं। यह अभियान पिछले साल दिसंबर में शुरू किया गया था, जब उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था।

उपराज्यपाल के निर्देश पर, दिल्ली पुलिस ने दक्षिण और मध्य जिलों में सत्यापन अभियान शुरू किया। दिसंबर और जनवरी के बीच 16,000 से अधिक लोगों की जांच की गई। बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे लोगों को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) को सौंपा गया, और निर्वासन प्रक्रिया को तेज किया गया।