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मुंबई का डेढ़ गली बाजार: चोर बाजार की अनोखी कहानी

मुंबई का डेढ़ गली बाजार, जिसे देश का सबसे बड़ा चोर बाजार माना जाता है, सुबह 4 बजे से खुलता है और 8 बजे तक चलता है। यहां आपको इलेक्ट्रॉनिक सामान, कपड़े और अन्य घरेलू वस्तुएं बेहद सस्ते दामों पर मिलती हैं। इस बाजार की खासियत यह है कि यहां चोरी का सामान नहीं, बल्कि थोक में खरीदे गए सामान की बिक्री होती है। जानें इस ऐतिहासिक बाजार की अनोखी विशेषताएँ और खरीदारी का अनुभव।
 

मुंबई के चोर बाजार की विशेषताएँ


यदि आप देश के सबसे बड़े चोर बाजार में खरीदारी करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको सुबह जल्दी उठना होगा। यह बाजार सुबह 4 बजे खुलता है और 8 बजे तक बंद हो जाता है। मुंबई में दो प्रमुख चोर बाजार हैं, जिनमें से एक को सबसे बड़ा माना जाता है।


डेढ़ गली बाजार की ऐतिहासिकता

मटन स्ट्रीट और कमाठीपुरा का महत्व
मुंबई के मटन स्ट्रीट और कमाठीपुरा में दो प्रसिद्ध चोर बाजार स्थित हैं। इनमें से डेढ़ गली बाजार को देश का सबसे बड़ा चोर बाजार माना जाता है। यह बाजार 70 साल पुराना है और 1950 से यहां खरीदारी शुरू हुई थी। सुबह 4 बजे से यहां सामान की बिक्री शुरू होती है और महज 4 घंटे में लाखों का कारोबार होता है।


सामान की कीमतें
यहां ब्रांडेड सामान भी बहुत कम कीमत पर उपलब्ध होता है।


सस्ते सामान का रहस्य

चोरी का सामान नहीं
कई लोग सोचते हैं कि चोर बाजार का नाम सुनकर यहां चोरी का सामान मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं है। यह बाजार मुख्यतः मुंबई के आसपास की फैक्ट्रियों से थोक में सामान खरीदता है, जिससे कीमतें कम होती हैं।


डेढ़ गली बाजार में क्या मिलता है
इस बाजार में इलेक्ट्रॉनिक सामान, कपड़े, फुटवियर और घरेलू उपयोग की वस्तुएं सस्ते दामों पर मिलती हैं। यहां वॉशिंग मशीन, फ्रिज, टीवी और अन्य गैजेट्स भी उपलब्ध हैं।


बाजार का कारोबार

डेढ़ गली बाजार में एक दिन में लगभग 20 करोड़ रुपए का कारोबार होता है। पहले यहां चोरी का सामान बिकता था, लेकिन अब यह स्थिति बदल चुकी है।