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मिस्र ने रास अल हिकमा को यूएई को बेचा, आर्थिक संकट का बड़ा कदम

मिस्र ने अपने खूबसूरत तटीय शहर रास अल हिकमा को 35 अरब डॉलर में संयुक्त अरब अमीरात को बेचने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। यह कदम देश के गहरे आर्थिक संकट का सामना करने के लिए उठाया गया है। रास अल हिकमा, जिसे 'धरती का स्वर्ग' कहा जाता है, अब यूएई के द्वारा एक मेगा पर्यटन और वित्तीय केंद्र में विकसित किया जाएगा। जानें इस सौदे के पीछे की वजह और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

मिस्र का ऐतिहासिक निर्णय

मिस्र, जो कि भारी आर्थिक संकट और बढ़ते कर्ज से जूझ रहा है, ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत, मिस्र सरकार ने अपने एक प्रमुख तटीय शहर, जिसे अक्सर 'धरती का स्वर्ग' कहा जाता है, रास अल हिकमा (Ras Al Hikma) को 35 अरब डॉलर (लगभग 2.9 लाख करोड़ रुपये) में बेचने का फैसला किया है। इस शहर को खरीदने वाला कोई और नहीं, बल्कि मध्य पूर्व का समृद्ध देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) है।


रास अल हिकमा: एक खूबसूरत शहर

रास अल हिकमा: मिस्र का 'स्वर्ग' रास अल हिकमा भूमध्यसागरीय तट पर स्थित एक बेहद आकर्षक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर है। इसकी प्राकृतिक सुंदरता, क्रिस्टल-क्लियर नीले पानी और शांत समुद्र तट इसे पर्यटकों के लिए एक आदर्श स्थान बनाते हैं। यही कारण है कि इसे 'धरती का स्वर्ग' कहा जाता है। यह शहर पर्यटन और निवेश के लिए अपार संभावनाएं प्रस्तुत करता है।


आर्थिक संकट की पृष्ठभूमि

बिक्री की वजह: गहराता आर्थिक संकट मिस्र लंबे समय से गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार में कमी, महंगाई में वृद्धि और बाहरी कर्ज का बोझ देश को संकट में डाल रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से भी मिस्र को बड़े पैमाने पर ऋण लेना पड़ा है। इस स्थिति से निपटने के लिए, राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी की सरकार ने यह कड़ा कदम उठाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सौदा मिस्र को तात्कालिक नकदी प्रदान करेगा और कर्ज संकट से राहत दिलाएगा।


यूएई की योजनाएं और मिस्र की भागीदारी

यूएई की बड़ी योजनाएं और मिस्र की हिस्सेदारी: संयुक्त अरब अमीरात, विशेष रूप से अबू धाबी के सॉवरेन वेल्थ फंड ADQ, ने रास अल हिकमा को खरीदने के लिए 35 अरब डॉलर का निवेश किया है। लेकिन यह केवल एक खरीद-बिक्री का सौदा नहीं है। यूएई की योजना है कि वह इस शहर में 150 अरब डॉलर (लगभग 12.5 लाख करोड़ रुपये) का विशाल निवेश करके एक मेगा पर्यटन और वित्तीय केंद्र विकसित करेगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना में मिस्र की भी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होगी, जो 35% बताई जा रही है। यदि यह परियोजना सफल होती है, तो यह मिस्र के लिए आर्थिक रूप से बेहद लाभकारी साबित होगी और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगी।


मिस्र का सबसे बड़ा विदेशी निवेश

सबसे बड़ा विदेशी निवेश: यह सौदा मिस्र के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment) माना जा रहा है। यह मिस्र की अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करने और उसकी पर्यटन क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। हालांकि, कुछ आलोचकों का कहना है कि यह दीर्घकालिक समाधान के बजाय मौजूदा शासन को बचाने का एक तरीका है। फिर भी, इस सौदे से मिस्र को तत्काल राहत मिली है, जो उसे अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का अवसर दे सकता है।


वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों का प्रभाव

यह डील दर्शाती है कि कैसे वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां देशों को अपनी संपत्तियों को बेचने पर मजबूर कर सकती हैं, और कैसे तेल समृद्ध देश इन अवसरों का लाभ उठाकर रणनीतिक निवेश कर रहे हैं।