मिथुन मन्हास बने बीसीसीआई के नए अध्यक्ष, क्रिकेट प्रशासन में नई दिशा
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की वार्षिक आम बैठक में पूर्व क्रिकेटर मिथुन मन्हास को अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। मन्हास, जो पहले जम्मू और कश्मीर क्रिकेट संघ के क्रिकेट निदेशक रह चुके हैं, अब भारतीय क्रिकेट प्रशासन को नई दिशा देने की जिम्मेदारी संभालेंगे। इस लेख में उनके क्रिकेट करियर, नई जिम्मेदारियों और बीसीसीआई के अन्य पदाधिकारियों की जानकारी दी गई है। जानें कैसे मन्हास भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
Sep 28, 2025, 14:59 IST
बीसीसीआई की वार्षिक बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय
मुंबई में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की वार्षिक आम बैठक के समापन के बाद, पूर्व क्रिकेटर मिथुन मन्हास को बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। मन्हास को इस पद के लिए निर्विरोध चुना गया, जिससे वह सौरव गांगुली और रोजर बिन्नी के बाद तीसरे ऐसे अध्यक्ष बन गए हैं, जिन्होंने खुद क्रिकेट खेला है।
मन्हास की नई जिम्मेदारियाँ
45 वर्षीय मन्हास, जिन्होंने रोजर बिन्नी का स्थान लिया है, अब भारतीय क्रिकेट प्रशासन को विकास, प्रदर्शन और नवाचार के साथ आगे बढ़ाने की चुनौती का सामना करेंगे। अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले, शनिवार को हुई बैठक में कोषाध्यक्ष और आईपीएल अध्यक्ष जैसे अन्य महत्वपूर्ण पदों के उम्मीदवारों पर चर्चा की गई थी। मन्हास इससे पहले जम्मू और कश्मीर क्रिकेट संघ के क्रिकेट निदेशक रह चुके हैं।
बीसीसीआई के नए पदाधिकारी
नए अध्यक्ष मिथुन मन्हास के साथ, बीसीसीआई के अन्य प्रमुख पदाधिकारियों की भी घोषणा की गई है। राजीव शुक्ला को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जो क्रिकेट प्रशासन में अनुभव रखते हैं। देवजीत सैकिया को मानद सचिव और प्रभतेज सिंह भाटिया को संयुक्त सचिव चुना गया है। वित्तीय प्रबंधन की जिम्मेदारी कोषाध्यक्ष ए. रघुराम भट संभालेंगे। इसके अलावा, जयदेव निरंजन शाह को शीर्ष परिषद का एकमात्र सदस्य चुना गया है, जबकि अरुण सिंह धूमल और एम. खैरुल जमाल मजूमदार को शासी परिषद में शामिल किया गया है।
मिथुन मन्हास का क्रिकेट करियर
12 अक्टूबर, 1979 को जम्मू और कश्मीर में जन्मे मिथुन मन्हास भारतीय घरेलू क्रिकेट के एक प्रमुख खिलाड़ी रहे हैं, भले ही उन्होंने राष्ट्रीय टीम के लिए कभी नहीं खेला। वह दाएँ हाथ के बल्लेबाज थे, जो ऑफ-स्पिन गेंदबाजी करने के साथ-साथ विकेटकीपर की भूमिका भी निभाते थे। अपने 18 साल के प्रथम श्रेणी करियर में, मन्हास ने 157 मैचों में 46 के औसत से लगभग 9,714 रन बनाए, जिसमें 27 शतक शामिल हैं। उन्होंने अक्सर दिल्ली की कप्तानी की और युवा विराट कोहली के पदार्पण के समय भी वह टीम के कप्तान थे। उनका सबसे यादगार सीज़न 2007-08 था, जब उन्होंने दिल्ली की कप्तानी करते हुए टीम को रणजी ट्रॉफी का खिताब दिलाया। आईपीएल में वह दिल्ली डेयरडेविल्स, पुणे वॉरियर्स और चेन्नई सुपर किंग्स जैसी टीमों का भी हिस्सा रहे।