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मार्घेरिटा में शहीद स्तंभ की दुर्दशा: स्वच्छता की अनदेखी

मार्घेरिटा में 1956 में स्थापित शहीद स्तंभ अब उपेक्षा और अतिक्रमण का शिकार हो गया है। स्थानीय व्यापारियों द्वारा की गई अवैध गतिविधियों ने इसे गंदगी और अव्यवस्था में डाल दिया है। इस स्थिति ने समाज के जागरूक वर्ग को चिंतित कर दिया है। स्थानीय संगठनों और निवासियों ने इस ऐतिहासिक स्थल की गरिमा को बनाए रखने के लिए तात्कालिक कदम उठाने की मांग की है। क्या इस स्मारक की स्थिति में सुधार होगा?
 

शहीद स्तंभ की स्थिति


डूमडूमा, 5 जुलाई: 1956 में मार्घेरिटा बाजार में स्थापित 'शहीद स्तंभ', जो स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों की याद में बनाया गया था, अब उपेक्षा और अतिक्रमण का शिकार हो गया है। यह अब उदासीनता और अनादर का प्रतीक बन चुका है।


इस स्मारक का निर्माण क्षेत्र के नागरिकों द्वारा किया गया था, लेकिन अब यह गंदगी और अवैध व्यापार गतिविधियों से घिरा हुआ है। स्थानीय व्यापारी और दुकानदार न केवल स्मारक के चारों ओर की भूमि पर अतिक्रमण कर चुके हैं, बल्कि इसे पान की पीक, तंबाकू के दाग और कचरे से भरा हुआ भी बना दिया है। 'शहीद स्तंभ' की यह स्थिति समाज के जागरूक वर्ग को गहरे सदमे में डाल रही है।


हालांकि, उत्तर पूर्वी कोलफील्ड्स (कोल इंडिया लिमिटेड) ने कई दशक पहले स्मारक के चारों ओर एक छोटी दीवार का निर्माण किया था, लेकिन यह संरचना अब काफी खराब हो चुकी है। दीवार में दरारें आ गई हैं और यह अब इस स्थल की पवित्रता की रक्षा करने में असमर्थ है।


मार्घेरिटा बाजार समिति के पदाधिकारियों के अनुसार, कई दुकानों ने अवैध रूप से स्मारक के लिए निर्धारित भूमि पर अपने व्यवसाय का विस्तार कर लिया है, जिससे स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन करना मुश्किल हो गया है।


मार्घेरिटा सह-जिला प्रशासन, मार्घेरिटा नगर परिषद और मार्घेरिटा के विधायक भास्कर शर्मा को कई बार शिकायतें दी गई हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।


मार्घेरिटा बाजार समिति के अध्यक्ष संतोष चेेत्री ने इस स्थिति पर दुख और निराशा व्यक्त की है। उन्होंने स्थानीय व्यापार समुदाय के लापरवाह व्यवहार की कड़ी निंदा की और सभी व्यापारियों और दुकानदारों से अपील की कि वे स्मारक के चारों ओर स्वच्छता बनाए रखें।


मार्घेरिटा के विभिन्न सामाजिक संगठनों और स्थानीय निवासियों ने इस ऐतिहासिक स्थल की गरिमा को बनाए रखने के लिए तात्कालिक कदम उठाने की मांग की है, ताकि भारत के वीर शहीदों की विरासत को भुलाया या अपमानित न किया जा सके।