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मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि 2025: पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि 2025 का व्रत हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। जानें इस दिन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसके महत्व के बारे में। व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने की मान्यता है।
 

मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि 2025

मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि 2025


मार्गशीर्ष मासिक शिवरात्रि 2025: हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भक्तिभाव से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।


मासिक शिवरात्रि पर पूजा करने से भक्तों को महादेव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है, जिससे सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष मास की मासिक शिवरात्रि कब है, साथ ही शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व।


मासिक शिवरात्रि की तिथि (Margashirsha Masik Shivratri 2025 कब है)

वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 नवंबर को सुबह 07:12 बजे शुरू होगी और इसका समापन 19 नवंबर को सुबह 09:43 बजे होगा। इस दिन भगवान की पूजा के लिए निशा काल सबसे शुभ माना जाता है, इसलिए मासिक शिवरात्रि 18 नवंबर को मनाई जाएगी।


मासिक शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri 2025 Puja Subh Muhurat)

मासिक शिवरात्रि के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11:42 बजे से शुरू होगा और यह 12:36 बजे समाप्त होगा।


मासिक शिवरात्रि पूजा विधि (Masik Shivratri Puja Vidhi)


  • मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठें।

  • स्नान कर साफ कपड़े पहनें और घर के मंदिर की सफाई करें।

  • भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

  • शिवलिंग पर जल और दूध से अभिषेक करें।

  • भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, अक्षत, फूल और चंदन अर्पित करें।

  • शिव चालीसा का पाठ करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

  • भगवान शिव की आरती करें और अपनी मनोकामनाएं पूरी करने की प्रार्थना करें।


मासिक शिवरात्रि का महत्व (Masik Shivratri Significance)

मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। इस व्रत से व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और विवाह में आ रही परेशानियों का समाधान होता है।