माधुरी दीक्षित और रवीना टंडन के दिल दहला देने वाले अनुभव: रेप सीन के बाद की कहानी
रेप सीन: एक संवेदनशील विषय
आज के समय में या फिर 70 और 80 के दशक में, दर्शकों को रेप सीन देखे बिना संतोष नहीं मिलता। लेकिन यह बात अक्सर अनदेखी रह जाती है कि अभिनेत्रियों को इन दृश्यों को निभाते समय कितना मानसिक तनाव सहना पड़ता है। निर्देशकों द्वारा उन पर दबाव डाला जाता है, और कई बार वे कास्टिंग काउच का शिकार भी बन जाती हैं।
आइए जानते हैं कि माधुरी दीक्षित और रवीना टंडन तीन दिनों तक क्यों रोईं थीं जब उन्होंने रेप सीन की शूटिंग की।
माधुरी दीक्षित का अनुभव
माधुरी दीक्षित को एक फिल्म में रेप सीन करने के लिए मजबूर किया गया था। अभिनेता अन्नू कपूर ने अपने रेडियो शो 'सुहाना सफर विद अन्नू कपूर' में इस घटना का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि माधुरी का रंजीत के साथ एक रेप सीन था।
हालांकि, माधुरी ने इस दृश्य को करने से मना कर दिया था, लेकिन निर्देशक ने उन पर दबाव डालकर उन्हें इसे शूट करने के लिए मजबूर किया। अन्नू कपूर ने कहा कि माधुरी उस दृश्य को करते समय बहुत घबराई हुई थीं, जबकि सेट पर मौजूद लोग ताली बजा रहे थे।
रवीना टंडन की कहानी
रवीना टंडन की फिल्म 'मातृ: द मदर' में भी कई रेप सीन हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि शूटिंग के दौरान वह फिल्म की कहानी से इतनी जुड़ गईं कि खुद को अलग नहीं कर पाईं।
गैंगरेप सीन के बाद, रवीना तीन रातों तक सो नहीं पाईं। जब उन्हें उस सीन की डबिंग करनी पड़ी, तो वह बहुत परेशान हो गईं और रोने लगीं।
कास्टिंग काउच की परिभाषा
कास्टिंग काउच एक अनैतिक प्रथा है, जिसमें किसी व्यक्ति को काम दिलाने के बदले में शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहा जाता है। फिल्म इंडस्ट्री में यह एक आम समस्या है, जहां नए कलाकारों को इस तरह के दबाव का सामना करना पड़ता है।
शाब्दिक अर्थ में, कास्टिंग काउच का मतलब है उस सोफे से, जहां महत्वाकांक्षी अभिनेता और अभिनेत्रियों का साक्षात्कार लिया जाता है।