×

माखनलाल पत्रकारिता विवि के छात्रों ने 'विकल्प' अखबार से खोली भोपाल के पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सच्चाई

माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के छात्रों ने 'विकल्प' नामक प्रायोगिक अखबार का विमोचन किया, जिसमें उन्होंने भोपाल के सार्वजनिक परिवहन की समस्याओं को उजागर किया। इस विशेषांक में छात्रों ने रिसर्च और ग्राउंड विजिट्स के माध्यम से पब्लिक ट्रांसपोर्ट की स्थिति का सर्वेक्षण किया है। कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने इस पहल की सराहना की, यह दर्शाते हुए कि पत्रकारिता का असली उद्देश्य जनता की समस्याओं को उजागर करना है। जानें इस अंक में और क्या खास है।
 

विकल्प प्रायोगिक अखबार का विमोचन


माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के छात्रों ने 'विकल्प' नामक प्रायोगिक अखबार का विमोचन किया, जिसमें उन्होंने भोपाल के सार्वजनिक परिवहन की समस्याओं को उजागर किया। इस विशेषांक का विमोचन कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी द्वारा एमपी नगर के विकास भवन में किया गया। छात्रों ने रिसर्च, रिपोर्टिंग और ग्राउंड विजिट्स के माध्यम से यह अंक तैयार किया, जो दर्शाता है कि पत्रकारिता केवल कक्षाओं तक सीमित नहीं है।


भोपाल के पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सच्चाई

इस अंक में छात्रों ने भोपाल के पब्लिक ट्रांसपोर्ट की स्थिति का सर्वेक्षण किया है, जिसमें बसों के इंतजार में खड़े लोगों से लेकर खाली बस स्टॉप तक की कहानी को दर्शाया गया है। उन्होंने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इस विशेषांक के माध्यम से आइना दिखाने का प्रयास किया है। विशेषांक में यह भी बताया गया है कि स्मार्ट सिटी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट क्यों अनस्मार्ट है।


माखनलाल विश्वविद्यालय में लगभग 1800 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जो 20 राज्यों से आए हैं। इनमें से अधिकांश को सार्वजनिक परिवहन की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, और यही अनुभव छात्रों को इस विशेषांक को निकालने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सरकार से सीधे सवाल उठाए हैं कि स्मार्ट सिटी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट इतना अनस्मार्ट क्यों है।


कुलगुरु तिवारी की सराहना

कुलगुरु तिवारी ने छात्रों की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि पत्रकारिता तब सार्थक होती है जब यह जनता की समस्याओं की आवाज बन सके। 'विकल्प' के इस विशेषांक में भोपाल की बस सेवा, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, ई-बस योजनाएं और प्रशासनिक लापरवाही का खुलासा किया गया है। इस प्रयास ने न केवल पत्रकारिता शिक्षा का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है, बल्कि यह व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।


इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी, प्रो. शिवकुमार विवेक, प्रो. अनूप दत्ता और अन्य प्राध्यापक भी उपस्थित थे।