माकपा ने निर्वाचन आयोग से गणना फॉर्म जमा करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की
माकपा का निर्वाचन आयोग को ज्ञापन
सत्ताधारी द्रमुक की प्रमुख सहयोगी माकपा ने 2002 से संबंधित मतदाता सूची में परिवार के सदस्यों के नामों को ऑनलाइन खोजना बेहद कठिन बताया है। पार्टी ने निर्वाचन आयोग से विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत भरे गए गणना फॉर्म को जमा करने की समय सीमा को चार दिसंबर 2025 तक बढ़ाने का अनुरोध किया है।
तमिलनाडु में निर्वाचन आयोग द्वारा 13 नवंबर तक लगभग 80 प्रतिशत मतदाताओं को गणना फॉर्म वितरित करने के दावे पर माकपा ने संदेह जताया है। पार्टी ने अधिकारियों से सभी लोगों को फॉर्म का उचित वितरण सुनिश्चित करने की मांग की है।
माकपा के राज्य सचिव पी. षणमुगम ने ज्ञापन में कहा, 'बीएलओ को गणना प्रपत्रों के दायरे को समझने में कठिनाई होती है, जिससे वे मतदाताओं से स्वयं फॉर्म भरने के लिए कहते हैं।' उन्होंने यह भी बताया कि निरक्षर मतदाताओं के लिए फॉर्म भरना बहुत चुनौतीपूर्ण होगा। इसलिए, गणना फॉर्म भरने के बाद उसे जमा करने के लिए लोगों को अतिरिक्त समय दिया जाना चाहिए।
ज्ञापन में व्यावहारिक कठिनाइयों को सूचीबद्ध करते हुए इसे 14 नवंबर को मुख्य निर्वाचन अधिकारी (तमिलनाडु) अर्चना पटनायक को प्रस्तुत किया गया।