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महोबा में बुजुर्ग और उनकी बेटी के साथ क्रूरता का मामला

यूपी के महोबा जिले में एक दंपति ने रेलवे से रिटायर्ड बुजुर्ग और उनकी मानसिक रूप से बीमार बेटी को पांच साल तक कैद रखा। भूख और चिकित्सा की कमी के कारण बुजुर्ग की मृत्यु हो गई, जबकि उनकी बेटी की स्थिति गंभीर है। परिजनों ने आरोप लगाया है कि दंपति ने संपत्ति हड़पने के लिए यह सब किया। जानें इस दिल दहला देने वाली घटना के बारे में।
 

महोबा में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना


यूपी के महोबा जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने मानवता को झकझोर कर रख दिया है। संपत्ति हड़पने की मंशा से एक दंपति ने रेलवे से रिटायर्ड एक बुजुर्ग और उनकी मानसिक रूप से बीमार बेटी को लगभग पांच वर्षों तक अपने घर में कैद रखा। भूख और चिकित्सा की कमी के कारण बुजुर्ग की मृत्यु हो गई, जबकि उनकी बेटी की स्थिति अत्यंत गंभीर बनी हुई है।


घटना का विवरण

यह घटना हिंद टायर गली के शहर कोतवाली क्षेत्र में हुई। 70 वर्षीय ओमप्रकाश सिंह राठौर रेलवे में सीनियर क्लर्क के पद से रिटायर हुए थे और अपनी 27 वर्षीय मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटी रश्मि के साथ रहते थे। पत्नी की मृत्यु के बाद, उन्होंने रामप्रकाश कुशवाहा और उनकी पत्नी रामदेवी को अपने घर में नौकर के रूप में रखा। आरोप है कि इस दंपति ने धीरे-धीरे पूरे घर पर कब्जा कर लिया और पिता-बेटी को निचले कमरों में बंद कर दिया। उन्हें उचित भोजन और चिकित्सा नहीं दी गई। जब भी रिश्तेदार मिलने आते, दंपति उन्हें बहाने बनाकर लौटाते थे।


परिजनों की प्रतिक्रिया

सोमवार को जब परिजनों को ओमप्रकाश की मृत्यु की सूचना मिली, तो वे घर पहुंचे और अंदर का दृश्य देखकर दंग रह गए। ओमप्रकाश की स्थिति अत्यंत खराब थी और उनकी बेटी एक अंधेरे कमरे में गंभीर अवस्था में पाई गई। तुरंत बुजुर्ग को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों का आरोप है कि दंपति ने मकान और बैंक में जमा पैसे हड़पने के लिए यह सब किया। फिलहाल, बेटी का इलाज परिजन करवा रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।