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महिलाओं में एनीमिया: लक्षण, कारण और उपचार के उपाय

महिलाओं में एनीमिया एक सामान्य समस्या है, जो खून की कमी के कारण होती है। इसके कई कारण हैं, जैसे आयरन और विटामिन की कमी। इस लेख में हम एनीमिया के लक्षण, इसके कारण और इससे बचने के उपायों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे सही आहार और डॉक्टर की सलाह से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।
 

गाजीपुर में महिलाओं में एनीमिया की समस्या


गाजीपुर: महिलाएं और लड़कियां अक्सर एक ऐसी बीमारी का सामना करती हैं, जिसमें शरीर में खून की कमी हो जाती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन जिन महिलाओं को पीरियड्स होते हैं, उन्हें कभी-कभी अधिक रक्तस्राव के कारण यह समस्या होती है। इसे चिकित्सा भाषा में एनीमिया कहा जाता है। आज हम इसके लक्षणों, उपायों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी पर चर्चा करेंगे।


महिलाओं में एनीमिया के मुख्य कारण
महिलाओं में एनीमिया आमतौर पर आयरन, विटामिन बी12 और फोलेट की कमी के कारण होता है। मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव, गर्भावस्था और खराब पोषण इसके प्रमुख कारण हैं। कई बार महिलाएं अधिक रक्तस्राव का उपचार नहीं करातीं, जिससे मासिक धर्म के दौरान खून की कमी बनी रहती है। इसके अलावा, समस्या को हल करने के लिए आवश्यक प्रयास नहीं किए जाते हैं।


इसके लक्षण
- खड़े होने पर चक्कर आना
- कमजोरी और थकान
- बालों का झड़ना
- पैरों में दर्द
- त्वचा का पीला पड़ना
- सांस फूलना
- थोड़ी मेहनत करने पर थकान होना
- भूख न लगना


डाइट पर ध्यान दें
गृह विज्ञान की प्रोफेसर नेहा मौर्य का कहना है कि महिलाओं को अपनी डाइट में बदलाव करना चाहिए और आयरन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। आप निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं:
- हरी सब्जियां (जैसे पालक, मेथी)
- मौसमी फल
- लोहे की कढ़ाही में बना भोजन
- दालें और नट्स
- पनीर और छेना
- चुकंदर और गाजर
- दिनभर में 6-7 गिलास पानी


जरूरत पड़ने पर दवा लें
डॉ. संजय यादव, बाल रोग विशेषज्ञ (महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज गाजीपुर) बताते हैं कि आवश्यकता पड़ने पर आयरन की गोलियों का सेवन किया जा सकता है, लेकिन इसे डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए। जब आयरन की कमी अधिक होती है, तो केवल आहार से खून नहीं बढ़ता। ऐसे में डॉक्टर की सलाह से दवा लेना उचित है।


एनीमिया से बचाव के उपाय
- संतुलित आहार का सेवन करें
- नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं
- मानसिक और शारीरिक तनाव से बचें
- पोषण का विशेष ध्यान रखें.