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महिलाओं के लिए पीरियड के दौरान स्वास्थ्य बनाए रखने के उपाय

महिलाओं के लिए पीरियड के दौरान स्वास्थ्य बनाए रखने के उपायों की जानकारी। जानें कैसे नमक और जंक फूड से दूरी, संतुलित आहार, और कैफीन का सीमित सेवन आपके अनुभव को बेहतर बना सकता है। इस लेख में दिए गए सुझावों से आप अपने पीरियड के दिनों को अधिक आरामदायक बना सकती हैं।
 

महिलाओं के लिए पीरियड के दौरान स्वास्थ्य टिप्स

महिलाओं की मासिक स्वास्थ्य: पीरियड के समय महिलाओं को अक्सर क्रैम्प, ब्लोटिंग, पेट में दर्द और मूड स्विंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी ये समस्याएं इतनी गंभीर हो जाती हैं कि सामान्य जीवन जीना मुश्किल हो जाता है।

हालांकि, हर बार दर्द निवारक दवाओं पर निर्भर रहना आवश्यक नहीं है। कुछ सरल बदलाव और सावधानियों के माध्यम से आप इन समस्याओं को काफी हद तक नियंत्रित कर सकती हैं।

नमक और जंक फूड से बचें

पीरियड के दौरान शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ब्लोटिंग और असहजता बढ़ सकती है। इसलिए, नमक का सेवन कम करना पहला कदम है।

प्रोसेस्ड और जंक फूड में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, जो पीरियड के दर्द और पेट की समस्याओं को बढ़ा सकती है।

अमेरिकन जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिक सोडियम शरीर में पानी जमा करता है और पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इसलिए, पीरियड के दौरान नमक और जंक फूड से दूर रहना बहुत महत्वपूर्ण है।

संतुलित भोजन का सेवन करें

पीरियड के दौरान कई महिलाएं खाने-पीने की आदतों में लापरवाह हो जाती हैं या खाना छोड़ देती हैं। यह मूड स्विंग और पेट दर्द को बढ़ा सकता है।

हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि आप अनियंत्रित रूप से कुछ भी खा लें। संतुलित और पौष्टिक भोजन से शरीर को आवश्यक ऊर्जा मिलती है और असहजता कम होती है।

जंक फूड में अधिक चीनी और नमक होने के कारण ब्लोटिंग बढ़ सकती है। इसलिए, पीरियड के पांच से सात दिनों तक ताजगी भरे, घर के बने भोजन पर ध्यान दें।

कैफीन का सेवन सीमित करें

कॉफी या अधिक कैफीन युक्त पेय पीरियड के दौरान आकर्षक लग सकते हैं, लेकिन इसके सेवन से दर्द, स्तनों में सूजन और ब्लीडिंग की मात्रा बढ़ सकती है।

तयैबाह यूनिवर्सिटी मेडिकल साइंसेज की रिपोर्ट बताती है कि अधिक कैफीन का सेवन पीरियड को लंबा कर सकता है और असामान्य ब्लीडिंग की समस्या को बढ़ा सकता है। इसलिए, इस दौरान कैफीन का सेवन कम करना या हल्का विकल्प चुनना बेहतर है।

पैड और टैंपून को समय पर बदलें

पीरियड के दौरान लंबे समय तक एक ही पैड या टैंपून का उपयोग करना महिलाओं द्वारा की जाने वाली सामान्य गलती है। यह बैक्टीरिया के विकास और बदबू का कारण बन सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, हर चार से छह घंटे में पैड या टैंपून बदलना चाहिए। इससे त्वचा में रैशेज, संक्रमण और टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (TSS) जैसे गंभीर जोखिम से बचा जा सकता है।

जीवनशैली से जुड़े अन्य उपाय

पीरियड के दौरान हल्की एक्सरसाइज, योग या स्ट्रेचिंग से दर्द और ब्लोटिंग में राहत मिलती है। पर्याप्त पानी पीना, नींद पूरी करना और तनाव को कम रखना भी आवश्यक है।

इन छोटी-छोटी आदतों को अपनाकर आप पीरियड के दिनों को अधिक आरामदायक और नियंत्रित बना सकती हैं।