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महिला शक्ति का प्रतीक: भारतीय नौसेना का ऐतिहासिक समुद्री अभियान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से महिला परिक्रमा नौकायन अभियान का शुभारंभ किया। इस ऐतिहासिक यात्रा में 10 महिला अधिकारी स्वदेश निर्मित पोत पर सवार होकर 26,000 समुद्री मील की दूरी तय करेंगी। यह अभियान नारी शक्ति और आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है, जिसमें महिलाएं विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए समुद्र की यात्रा करेंगी। राजनाथ सिंह ने इस यात्रा को आध्यात्मिक साधना और दृढ़ संकल्प की यात्रा बताया।
 

महिला परिक्रमा नौकायन अभियान का शुभारंभ

नारी शक्ति और एक विकसित भारत के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से दुनिया के पहले ऐतिहासिक त्रि-सेवा महिला परिक्रमा नौकायन अभियान, समुद्र प्रदक्षिणा को वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अपने संबोधन में, उन्होंने इस यात्रा को नारी शक्ति, तीनों सेनाओं की एकता, आत्मनिर्भर भारत और उसकी सैन्य कूटनीति का प्रतीक बताया।


महिलाओं की यात्रा का मार्ग

इस यात्रा में 10 महिला अधिकारी स्वदेश निर्मित भारतीय सेना नौकायन पोत (IASV) त्रिवेणी पर सवार होकर लगभग 26,000 समुद्री मील की दूरी तय करेंगी। वे भूमध्य रेखा को दो बार पार करते हुए, तीन प्रमुख अंतरीपों - लीउविन, हॉर्न और गुड होप - का चक्कर लगाते हुए सभी प्रमुख महासागरों और दक्षिणी महासागर तथा ड्रेक पैसेज के खतरनाक जलक्षेत्रों को कवर करेंगी। टीम मई 2026 में मुंबई लौटने से पहले चार अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाहों का दौरा भी करेगी।


समुद्र प्रदक्षिणा का महत्व

राजनाथ सिंह ने समुद्र प्रदक्षिणा को केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना और अनुशासन की यात्रा बताया। उन्होंने कहा, "इस अभियान के दौरान, हमारे अधिकारियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उनका दृढ़ संकल्प अंधकार को चीर देगा। वे सुरक्षित घर लौटेंगे और दुनिया को दिखाएंगे कि भारतीय महिलाओं का साहस किसी भी सीमा से परे है।"


अतीत की उपलब्धियों की याद

रक्षा मंत्री ने हाल ही में दो भारतीय महिला नौसेना अधिकारियों, लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए की असाधारण उपलब्धियों का उल्लेख किया, जिन्होंने साहस और समर्पण के साथ एक अन्य स्वदेशी पोत, आईएनएस तारिणी पर सवार होकर सफलतापूर्वक दुनिया की परिक्रमा की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि IASV त्रिवेणी इस समुद्री साहसिक कार्य में एक नया मानक स्थापित करेगी और भारत की समुद्री यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ेगी।