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महिला ने जीजा पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए 10 साल की सजा दिलाई

एक युवती ने अपने जीजा पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अदालत में मामला दर्ज कराया, जिसके परिणामस्वरूप आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई गई। यह मामला महाराष्ट्र के ठाणे जिले का है, जहां विशेष न्यायाधीश ने पॉक्सो अधिनियम के तहत सुनवाई की। पीड़िता की बहन ने उसे अपने घर बुलाया था, जहां आरोपी ने कई बार उसका यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता ने अंततः पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिससे आरोपी को सजा मिली। इस मामले ने समाज में यौन अपराधों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है।
 

युवती ने जीजा के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया

एक युवती ने अपने जीजा पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, जिसके परिणामस्वरूप उसे 10 साल की सजा सुनाई गई है। आरोपी की उम्र 34 वर्ष है, जबकि पीड़िता उस समय केवल 17 वर्ष की थी। अदालत ने पीड़िता के बयान के आधार पर यह सजा सुनाई।


महाराष्ट्र में अदालत का फैसला

HR Breaking News (नई दिल्ली)। ठाणे जिले की एक अदालत ने 35 वर्षीय व्यक्ति को अपनी पत्नी की नाबालिग बहन के यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना के लिए 10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश वी. वी. वीरकर ने पॉक्सो अधिनियम के तहत मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्णय लिया और दोषी पर 8,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।


घटना का विवरण

विशेष लोक अभियोजक रेखा हिवराले ने अदालत को बताया कि पीड़िता को उसकी बहन ने अप्रैल 2018 में मुंबई के दहिसर में अपने घर पर कुछ दिन रहने के लिए बुलाया था। उस समय पीड़िता की उम्र 17 वर्ष थी।


जब पीड़िता की बहन काम पर जाती थी, तब आरोपी ने कई बार नाबालिग का यौन उत्पीड़न किया। उसने पीड़िता को लोहे के पाइप और छड़ी से पीटा और उसकी पीठ को गर्म चिमटे से दागा। अभियोजक ने बताया कि एक बार जब दंपति सो रहे थे, पीड़िता वहां से भाग गई और एक गिरजाघर पहुंची।


पुलिस में शिकायत

वहां से मदद मिलने के बाद, पीड़िता थाने पहुंची और आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता और पॉक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया।


सजा का महत्व

इस मामले में अदालत का निर्णय न केवल पीड़िता के लिए न्याय है, बल्कि यह समाज में यौन अपराधों के खिलाफ एक सख्त संदेश भी है।