महिला के प्रसव के दौरान अस्पताल में हंगामा, पति ने उठाए सवाल
एटा में अस्पताल में प्रसव की घटना
एटा के एक मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में रविवार रात एक महिला को पथरी के दर्द के इलाज के लिए लाया गया। इस दौरान महिला ने प्रसव किया, जिससे उसके पति में गुस्सा भड़क गया। पति का कहना था कि वह पिछले एक साल से घर से बाहर काम कर रहा है। प्रसव के बाद अस्पताल में हंगामा मच गया।
रविवार रात लगभग 2 बजे, कुछ लोग महिला को पथरी के दर्द के कारण अस्पताल लाए। चिकित्सक ने परीक्षण के दौरान महिला के बड़े पेट को देखकर गर्भवती होने के बारे में पूछा, लेकिन महिला ने इनकार कर दिया। इसके बाद, स्टाफ ने उसे दर्द निवारक इंजेक्शन दिया। कुछ समय बाद, महिला शौचालय गई, लेकिन जब वह काफी देर तक बाहर नहीं आई, तो एक अन्य महिला ने अंदर जाकर देखा।
महिला का प्रसव हो चुका था। इसके बाद नर्सिंग स्टाफ ने बच्चे को उठाया और गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे एसएनसीयू वार्ड में भेजा। महिला को गायनिक वार्ड में भर्ती किया गया।
महिला के पति ने कहा कि वह एक साल से घर से बाहर काम कर रहा है, इसलिए उसकी पत्नी गर्भवती कैसे हो गई? उसने इस बारे में परिवार को जानकारी क्यों नहीं दी? इसके बाद पति ने इमरजेंसी से गायनिक वार्ड तक हंगामा किया।
महिला एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रमुख डॉ. साधना सिंह ने बताया कि महिला को रात लगभग 2:30 बजे भर्ती किया गया था। प्रसव के बाद 48 घंटे तक चिकित्सकीय निगरानी में रखा जाता है, लेकिन पति ने हंगामा करते हुए महिला को घर ले जाने की जिद की। इसके बाद औपचारिक कार्रवाई करते हुए सोमवार सुबह महिला को पति के साथ भेज दिया गया।
नवजात की हालत गंभीर, रास्ते में हुई मौत
डॉ. साधना सिंह ने बताया कि समय से पूर्व हुए प्रसव में नवजात की स्थिति नाजुक थी। उसे एसएनसीयू में भर्ती कर उपचार शुरू किया गया, लेकिन बेहतर इलाज की आवश्यकता को देखते हुए आगरा रेफर किया गया। दुर्भाग्यवश, रास्ते में ही शिशु ने दम तोड़ दिया।
महिला पहले से है छह बच्चों की मां
परिवार के सदस्यों के अनुसार, महिला पहले से ही छह बच्चों की मां है। पति पिछले एक साल से बाहर रहकर काम कर रहा था। प्रसव की जानकारी मिलने पर परिवार में विवाद उत्पन्न हो गया और पति ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया।