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महिला अधिकारी से यौन शोषण मामले में सात अधिकारियों का निलंबन

उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक महिला अधिकारी के यौन शोषण के मामले में सात अधिकारियों को निलंबित किया गया है। डिप्टी कमिश्नर कमलेश कुमार पांडेय पर गंभीर आरोप हैं, जिनकी जांच के लिए विशेष सचिव को नियुक्त किया गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और क्या कार्रवाई की गई है।
 

महिला अधिकारी के यौन शोषण मामले में कार्रवाई


मथुरा समाचार: उत्तर प्रदेश में एक महिला अधिकारी के यौन शोषण के मामले में महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई है। मथुरा में तैनात डिप्टी कमिश्नर कमलेश कुमार पांडेय समेत सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। अन्य छह अधिकारी आंतरिक परिवाद समिति (विशाखा) के सदस्य हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने आरोपी डिप्टी कमिश्नर को बचाने का प्रयास किया। मंगलवार की शाम को संयुक्त सचिव रघुबीर प्रसाद ने सभी के निलंबन का आदेश जारी किया।


कमलेश कुमार राज्य कर विभाग के मथुरा खंड एक में कार्यरत हैं। उन पर एक महिला अधिकारी ने यौन शोषण का आरोप लगाया है, जिसमें यह भी कहा गया है कि उन्होंने कई बार अनैतिक व्यवहार किया। प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली के तहत निलंबित कर दिया गया है।


महिला अधिकारी द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच आंतरिक परिवाद समिति (विशाखा) को सौंपी गई थी। समिति पर आरोप है कि उन्होंने जांच के दौरान आरोपी अधिकारी को बचाने का प्रयास किया और अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं किया।


निलंबित अधिकारियों की सूची:


इस मामले में आंतरिक परिवाद समिति की सदस्यों कोमल छाबड़ा (सहायक आयुक्त, सचल दल इकाई-2, मथुरा), प्रतिभा (उपायुक्त, विशेष अनुसंधान शाखा मथुरा), पूजा गौतम (सहायक आयुक्त, राज्य कर खंड-2 मथुरा), संजीव कुमार (उपायुक्त, राज्यकर खंड-5 मथुरा), सुनीता देवी (राज्य कर अधिकारी, खंड-3, मथुरा) और वीरेन्द्र कुमार (उपायुक्त खंड-3 मथुरा) को निलंबित किया गया है। कमलेश कुमार पांडेय और समिति के सदस्यों के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए राज्य कर विभाग में विशेष सचिव कृतिका ज्योत्सना को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।