महाराष्ट्र में भड़काऊ भाषण पर विवाद, योगी आदित्यनाथ को दी गई धमकी
महाराष्ट्र के बीड में 'आई लव मोहम्मद' कार्यक्रम के दौरान एक मुस्लिम धर्मगुरु ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी की, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ। मौलाना ने सीएम को 'दफनाने' की धमकी दी, जिसके बाद बरेली में हंगामा हुआ। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। इस घटना ने अन्य शहरों में भी विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया, जहां मुस्लिम संगठनों ने पुलिस की कार्रवाई को अन्यायपूर्ण बताया।
Sep 26, 2025, 16:31 IST
मौलाना की विवादास्पद टिप्पणी
महाराष्ट्र के बीड में आयोजित 'आई लव मोहम्मद' कार्यक्रम के दौरान एक मुस्लिम धर्मगुरु ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें मौलाना को सीएम योगी को 'दफनाने' की धमकी देते हुए देखा जा सकता है। सभा में उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया।
मौलाना की चुनौती
मौलाना ने सीएम योगी को माजलगांव की मुस्तफा मस्जिद में आने की चुनौती दी, यह कहते हुए कि यदि वह वहां आएंगे तो उन्हें वहीं 'दफन' कर दिया जाएगा।
बरेली में हंगामा
उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार की नमाज़ के बाद 'आई लव मोहम्मद' अभियान के दौरान भारी हंगामा हुआ। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आरएएफ और आरआरएफ की कई कंपनियां तैनात की गई हैं। यह अभियान कानपुर में पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले बारावफात समारोह के दौरान शुरू हुआ। मुस्लिम युवकों ने पैगंबर के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने के लिए 'आई लव मोहम्मद' के बैनर और पोस्टर प्रदर्शित किए। हालांकि, कुछ स्थानीय हिंदू समूहों ने इसे भड़काऊ परंपरा बताते हुए इसका विरोध किया, जिससे तनाव उत्पन्न हुआ और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। अधिकारियों ने बैनर हटा दिए और कई लोगों के खिलाफ सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की।
विरोध प्रदर्शन का फैलाव
यह मुद्दा लखनऊ, बरेली, नागपुर, काशीपुर और हैदराबाद जैसे अन्य शहरों में भी फैल गया, जहां शुक्रवार की नमाज के बाद इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए। मुस्लिम संगठनों ने पुलिस की कार्रवाई को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि यह उनके मौलिक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है।