महाराष्ट्र में बारिश का नया चक्र, नवरात्रि पर पड़ेगा असर
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मुंबई स्थित मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ उत्तरी मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
उत्तरी कोंकण के कुछ जिलों में भी बारिश की संभावना है। दक्षिण कोंकण से गोवा तट तक और दक्षिण मध्य महाराष्ट्र में गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई है।
राज्य में भारी बारिश और बादल छाए रहने की स्थिति बनी हुई है, लेकिन यह बारिश जल्द ही समाप्त नहीं होगी। दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाओं की वापसी यात्रा शुरू हो चुकी है, और इस बार मानसून की बारिश अधिक तीव्रता से होने की संभावना है।
नवरात्रि उत्सव पर बारिश का प्रभाव
मौसम विभाग के संशोधित पूर्वानुमान के अनुसार, 18 से 25 सितंबर के बीच महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है।
इस साल का नवरात्रि उत्सव भी बारिश के साथ मनाया जाएगा। यह पूर्वानुमान 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक की अवधि के लिए है, जिसमें पहले सप्ताह में दक्षिण भारत, महाराष्ट्र और गुजरात में औसत से अधिक बारिश होने की संभावना है।
अगले सप्ताह उत्तर-पूर्व भारत, उत्तर-पश्चिम, मध्य और पश्चिम भारत में बारिश की संभावना है। इस दौरान केरल और कर्नाटक में भी बारिश होगी। तीसरे सप्ताह में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश समेत पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश की संभावना है।
निम्न दबाव का क्षेत्र
केंद्रीय मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, 22 सितंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में उत्तर-पश्चिम और आसपास के क्षेत्रों में एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।
इससे ओडिशा, मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। इस समय बारिश का सबसे अधिक प्रभाव मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में देखने को मिलेगा, इसलिए नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
उत्सव आयोजकों के लिए सलाह
22 सितंबर से मराठवाड़ा और विदर्भ में भारी बारिश की संभावना है। उत्सव आयोजकों को जलभराव और बाढ़ जैसी समस्याओं के लिए वैकल्पिक योजनाएँ तैयार करनी चाहिए।
वापसी यात्रा 15 सितंबर को राजस्थान से शुरू हुई थी और 17-18 सितंबर को पंजाब और गुजरात से पूरी हुई। हालांकि, महाराष्ट्र में बारिश मध्य अक्टूबर तक जारी रहने की संभावना है।