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महाराष्ट्र में फर्जी जन्म पंजीकरण घोटाला: SIT की जांच शुरू

महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के सेंदूरसानी गांव में 27,397 फर्जी जन्म पंजीकरण का मामला सामने आया है। इस घोटाले की जांच के लिए राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। गांव की कुल जनसंख्या केवल 1,394 है, जबकि तीन महीने में इतनी बड़ी संख्या में जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए। SIT को 100 दिनों में अपनी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने इसे भारत का सबसे बड़ा बर्थ सर्टिफिकेट स्कैम बताया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 

सेंदूरसानी गांव में जन्म प्रमाणपत्रों का बड़ा घोटाला

देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के सेंदूरसानी गांव में 27,397 फर्जी जन्म पंजीकरण का मामला सामने आया है, जिसके चलते राज्य सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। यह चौंकाने वाला है कि इस गांव की कुल जनसंख्या केवल 1,394 है, जबकि सितंबर से नवंबर 2025 के बीच इतनी बड़ी संख्या में जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं।

इस मामले की जांच का कार्यभार महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने SIT को सौंपा है, जिसका नेतृत्व यशस्वी यादव (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक-साइबर) करेंगे।

SIT में अन्य सदस्य डॉ बबीता कमलापुरकर (संयुक्त निबंधक, जन्म एवं मृत्यु) और डॉ सुभाष ढोले (जिला स्वास्थ्य अधिकारी, यवतमाल) शामिल हैं।

100 दिनों में SIT देगी रिपोर्ट

सरकार ने SIT को निर्देश दिया है कि वह 100 दिनों के भीतर अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करे। इस जांच में यह पता लगाया जाएगा कि इतने बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म पंजीकरण कैसे हुए और इसके पीछे कौन लोग और तंत्र जिम्मेदार हैं। इसके अलावा, यह भी देखा जाएगा कि क्या इसका उपयोग संगठित अपराध, नागरिकता और पहचान दस्तावेजों में हेराफेरी या अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया गया।

इस घोटाले का खुलासा पिछले सप्ताह हुआ था, जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई की और SIT का गठन किया गया।

बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने पहले ही यवतमाल जिले के सेंदूरसानी गांव में इस बड़े जन्म प्रमाणपत्र घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने गांव के अरनी तहसील कार्यालय और स्थानीय पुलिस स्टेशन का दौरा किया।

सोमैया ने इसे बताया सबसे बड़ा बर्थ सर्टिफिकेट स्कैम

सोमैया ने इसे भारत का सबसे बड़ा बर्थ सर्टिफिकेट स्कैम करार दिया और कहा कि यह एक अंतरराज्यीय ऑपरेशन है, जिसके अंतरराष्ट्रीय परिणाम हो सकते हैं। उनके अनुसार, यह धोखाधड़ी ग्राम पंचायत के कंप्यूटर टर्मिनल, OTP-बेस्ड लॉगिन और ईमेल क्रेडेंशियल का गलत इस्तेमाल करके की गई है, जो एक उन्नत साइबर-इनेबल्ड रैकेट की ओर इशारा करता है।

सोमैया ने यह भी बताया कि अधिकांश लाभार्थी महाराष्ट्र के निवासी नहीं हैं। प्रारंभिक जांच में कई नाम पश्चिम बंगाल, उत्तर भारत और बांग्लादेश से जुड़े पाए गए हैं।

सबसे चिंताजनक बात यह है कि सोमैया ने कहा कि 27,397 पंजीकरण में से अधिकांश 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के नाम पर किए गए हैं, जो जन्म पंजीकरण के नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि ये नए जन्मे बच्चे नहीं हैं, बल्कि बड़े लोग हैं जिन्हें कागज पर बनावटी तरीके से दर्ज किया गया है।

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