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महाराष्ट्र में नितेश राणे के खिलाफ कोर्ट का बड़ा फैसला

महाराष्ट्र के कुडाल कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री नितेश राणे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। यह कार्रवाई उनके बार-बार कोर्ट में अनुपस्थित रहने के कारण की गई है। इस मामले में अन्य विधायकों के खिलाफ भी वारंट जारी किया गया है। जानें इस मामले की पृष्ठभूमि और कोर्ट के फैसले के बारे में विस्तार से।
 

कोर्ट का गैर जमानती वारंट

सिंधुदुर्ग
महाराष्ट्र के कुडाल कोर्ट ने राज्य के कैबिनेट मंत्री और सिंधुदुर्ग जिले के गार्डियन मिनिस्टर नितेश राणे को एक महत्वपूर्ण झटका दिया है। कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। यह कार्रवाई उनके बार-बार कोर्ट में अनुपस्थित रहने के कारण की गई है। संविधान की रक्षा के लिए हुए प्रोटेस्ट से जुड़े मामले में विधायक प्रवीण दरेकर और विधायक प्रसाद लाड के खिलाफ भी इसी तरह का वारंट जारी किया गया है। यह मामला 26 जून 2021 का है, जब ओबीसी आंदोलन के दौरान कुडाल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। प्रोटेस्ट के सिलसिले में राजन तेली, विधायक नीलेश राणे, मंत्री नितेश राणे और 42 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। बुधवार को हुई सुनवाई में विधायक नीलेश राणे, राजन तेली और अन्य आरोपी कोर्ट में उपस्थित थे, जबकि नितेश राणे सहित छह आरोपी गैरहाजिर रहे।
कोर्ट ने नितेश राणे के वकीलों द्वारा दी गई अनुपस्थिति की याचिका को खारिज कर दिया। बार-बार तारीखों पर पेश न होने को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने उनके खिलाफ नॉन बेलेबल अरेस्ट वारंट जारी किया।
इससे पहले, नासिक हाउसिंग घोटाले से जुड़े मामले में कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी (अजित पवार गुट) नेता माणिकराव कोकाटे को दो साल की सजा सुनाई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, लेकिन गिरफ्तारी से संरक्षण देते हुए दो साल की जेल की सजा को अंतिम सुनवाई तक निलंबित कर दिया। हाईकोर्ट का यह आदेश नासिक सेशन कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर पुनरीक्षण याचिका पर आया है, जिसमें कोकाटे को सरकारी फ्लैटों के अवैध अधिग्रहण से जुड़े हाउसिंग फ्रॉड मामले में दो साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी। सेशन कोर्ट के फैसले के बाद कोकाटे ने हाईकोर्ट का रुख किया था.