महाराष्ट्र में नगर निगम चुनावों की तैयारी, एनसीपी और बीजेपी की रणनीतियाँ
भाजपा और शिवसेना का संभावित गठबंधन
महाराष्ट्र के अधिकांश शहरी स्थानीय निकायों में भाजपा और शिवसेना के एक साथ चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है। वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के भीतर और बाहर चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की है। हाल ही में पार्टी की चुनाव निर्णय समिति की बैठक में एनसीपी नेताओं ने कहा कि सभी संभावित परिस्थितियों के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
राज्य में आगामी नगर निगम चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं, और सभी पार्टियाँ गठबंधन की गणना और सीटों की तैयारियों में जुटी हुई हैं।
एनसीपी की मुंबई में सीटों की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, एनसीपी ने मुंबई की कम से कम 50 सीटों के लिए जमीनी तैयारी पूरी कर ली है। महायुति गठबंधन में पार्टी की स्थिति को लेकर अंतिम निर्णय अजीत पवार द्वारा लिया जाएगा। इस निर्णय पर राजनीतिक गलियारों में गहरी नजर है, क्योंकि इससे राज्य में गठबंधन के समीकरणों में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकता है।
बीजेपी के विरोध के बावजूद नवाब मलिक पर भरोसा
बीजेपी के कड़े विरोध के बावजूद, अजीत पवार ने बीएमसी चुनाव की जिम्मेदारी को लेकर नवाब मलिक पर भरोसा बनाए रखा है। एनसीपी के एक नेता ने बताया कि महायुति से चर्चा के लिए एक समन्वय समिति बनाई जा सकती है। इसमें मंत्री अदिति तटकरे और मुंबई के अन्य नेताओं को शामिल करने पर चर्चा चल रही है।
अजीत ने कहा है कि हम अंत तक महायुति के साथ चुनाव लड़ने की कोशिश करेंगे। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो हमें अकेले मैदान में उतरने के लिए तैयार रहना चाहिए।
नवाब मलिक का महत्व
2017 के बीएमसी चुनाव में एनसीपी के 9 नगरसेवक चुने गए थे। इनमें से कुछ पूर्व नगरसेवक अजीत गुट और कुछ शरद गुट के साथ हैं। नवाब मलिक मुंबई में एनसीपी के लिए एक महत्वपूर्ण नेता हैं, जिनकी सेक्युलर इमेज मुस्लिम और दलित वोटर्स पर पकड़ बनाए रखती है।
मुंबई में एनसीपी की ताकत सीमित है, और अजीत पवार के साथ नवाब मलिक का परिवार ही पार्टी की मजबूती है। इसलिए अजीत उन्हें अकेला नहीं छोड़ना चाहते।
नगरपालिका चुनाव कार्यक्रम की घोषणा
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में नगरपालिका चुनावों का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। 29 नगर निगमों के लिए मतदान होगा, जिनमें 2,869 सीटें शामिल हैं।
कार्यक्रम के अनुसार: नामांकन 23-30 दिसंबर, नामांकित पत्रों की जांच 31 दिसंबर, नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 2 जनवरी 2026, चुनाव चिन्हों का आवंटन 3 जनवरी, मतदान 15 जनवरी 2026, और मतगणना 16 जनवरी 2026 को होगी।