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महाराष्ट्र में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण: 3,367 लाउडस्पीकर हटाए गए

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में बताया कि राज्य के धार्मिक स्थलों से 3,367 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं। इस कदम का उद्देश्य ध्वनि प्रदूषण को कम करना है। मुंबई में अकेले 1,608 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं, और यह सब कुछ बिना किसी धार्मिक तनाव के किया गया। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी है कि बिना अनुमति लाउडस्पीकर लगाने पर स्थानीय पुलिस अधिकारी जिम्मेदार होंगे। विधायकों ने इस मुद्दे पर चिंता जताई है, और वन क्षेत्रों में भी लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है।
 

ध्वनि प्रदूषण पर कार्रवाई

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को विधानसभा में जानकारी दी कि राज्य के धार्मिक स्थलों से कुल 3,367 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं, जो ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।


मुख्यमंत्री ने बताया कि मुंबई में अकेले 1,608 लाउडस्पीकर हटाए गए हैं, और यह सब कुछ बिना किसी धार्मिक या सांप्रदायिक तनाव के किया गया है। उन्होंने कहा, 'अब मुंबई के सभी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर नहीं हैं।'


फडणवीस ने चेतावनी दी कि यदि सक्षम प्राधिकार की अनुमति के बिना लाउडस्पीकर दोबारा लगाए जाते हैं, तो स्थानीय पुलिस थाने के अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे। उन्होंने सदन को बताया, 'कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए जाएंगे। प्रत्येक पुलिस आयुक्त के अधीन उड़न दस्ते बनाए जाएंगे ताकि स्थिति पर नजर रखी जा सके।'


विधानसभा में इस मुद्दे पर कई विधायकों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने ध्वनि प्रदूषण के स्थानीय समुदायों पर प्रभाव की चिंता व्यक्त की, जबकि उनकी सहयोगी विधायक देवयानी फरांडे ने उच्च ध्वनि वाले स्पीकर पर साल भर के लिए प्रतिबंध लगाने की मांग की।


राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र अव्हाड ने येऊर वन क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव पर चिंता जताते हुए वन्यजीवों पर इसके असर का उल्लेख किया।


फडणवीस ने उत्तर देते हुए कहा, 'वन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के संगीत वाद्ययंत्र या लाउडस्पीकर की अनुमति नहीं होगी। वन विभाग और पुलिस को इसे सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है।'