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महाराष्ट्र में जमीन विवाद: अजित पवार की निष्क्रियता पर राधाकृष्ण विखे पाटिल की टिप्पणी

महाराष्ट्र के मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि पवार समय पर कार्रवाई करते, तो उन्हें अपने बेटे से जुड़े जमीन विवाद से बचने का अवसर मिल सकता था। यह विवाद पुणे के मुंधवा क्षेत्र में 40 एकड़ सरकारी भूमि की कथित अवैध बिक्री से संबंधित है, जिसकी कीमत लगभग 1,800 करोड़ रुपये है। विपक्ष ने पवार के इस्तीफे की मांग की है, जबकि पवार ने इस लेन-देन से अपने संबंधों से इनकार किया है।
 

मंत्री विखे पाटिल का बयान

महाराष्ट्र के मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार यदि समय पर कदम उठाते, तो उन्हें अपने बेटे से संबंधित एक कंपनी के जमीन सौदे के विवाद से बचने का मौका मिल सकता था।


विखे पाटिल ने भाजपा के सहयोगी पवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी व्यस्तता उनकी निष्क्रियता का कारण बन सकती है।


कांग्रेस के पूर्व नेता ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'यदि अजित पवार ने पुणे में जमीन विवाद की जानकारी मिलते ही कार्रवाई की होती, तो शायद यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। लेकिन उनकी व्यस्त दिनचर्या के कारण कभी-कभी निर्णय अपने आप हो जाते हैं।'


उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि पश्चिमी महाराष्ट्र की राजनीति में विखे पाटिल और पवार परिवार के बीच पारंपरिक टकराव रहा है.


विपक्ष की प्रतिक्रिया

हालांकि, जब विपक्ष ने अजित पवार के इस्तीफे की मांग की, तो विखे पाटिल ने कहा कि विपक्ष के पास केवल इस्तीफे की मांग करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।


यह विवाद पुणे के मुंधवा क्षेत्र में 40 एकड़ सरकारी भूमि की कथित अवैध बिक्री से संबंधित है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 1,800 करोड़ रुपये है।


विपक्षी नेताओं का आरोप है कि इस भूमि को अजित पवार के बेटे पार्थ से जुड़ी एक कंपनी ने केवल 300 करोड़ रुपये में खरीदा था।


हालांकि, बृहस्पतिवार को कंपनी के एक साझेदार और एक सरकारी अधिकारी सहित तीन व्यक्तियों के खिलाफ सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई, लेकिन अजित पवार ने इस लेन-देन से किसी भी प्रकार के संबंध से इनकार किया है।