महाराष्ट्र में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए टोल शुल्क में छूट की घोषणा
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की पहल
इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देने और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से, महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के कई प्रमुख राजमार्गों पर EVs के लिए टोल शुल्क को पूरी तरह से समाप्त करने की घोषणा की है। यह नीति 23 अगस्त 2025 की मध्यरात्रि से प्रभावी होगी और इसमें अटल सेतु, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, समृद्धि महामार्ग जैसे कई प्रमुख टोल रोड शामिल हैं।
EV अपनाने को बढ़ावा देने का निर्णय
परिवहन मंत्री प्रताप सरनाइक ने कहा कि यह नीति लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर आकर्षित करने के लिए बनाई गई है, क्योंकि ये वाहन प्रदूषण को कम करने और पारंपरिक ईंधनों पर निर्भरता को घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि टोल छूट केवल वित्तीय राहत नहीं है, बल्कि यह स्पष्ट संदेश भी है कि राज्य सरकार स्वच्छ और दीर्घकालिक स्थायी परिवहन को प्राथमिकता दे रही है।
किसे मिलेगा लाभ?
महाराष्ट्र मोटर वाहन कर अधिनियम, 1958 के तहत जारी अधिसूचना के अनुसार, यह छूट निम्नलिखित वाहनों पर लागू होगी:
सभी इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन (M1 श्रेणी): इनमें निजी और वाणिज्यिक दोनों प्रकार के वाहन शामिल हैं।
इलेक्ट्रिक बसें (M3 और M4 श्रेणी): जो राज्य परिवहन निगम या निजी ऑपरेटरों द्वारा चलाई जा रही हैं।
यह सीधे निजी EV मालिकों, ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं और इलेक्ट्रिक बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों को लाभ पहुंचाएगा, जिन्हें अब इन चयनित मार्गों पर टोल नहीं देना होगा।
मुख्य राजमार्गों पर टोल छूट
इस नीति के तहत टोल छूट निम्नलिखित प्रमुख मार्गों पर लागू की गई है:
अटल सेतु (मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक)
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे
समृद्धि महामार्ग (मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे)
इनके अलावा, राज्य के कई अन्य टोल प्लाजा भी इस योजना में शामिल किए गए हैं, जिससे लंबी दूरी और अंतर-शहर यात्रा के लिए EVs की उपयोगिता और लोकप्रियता बढ़ेगी।
टोल शुल्क की समाप्ति से इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन की लागत में महत्वपूर्ण कमी आएगी, जिससे EVs को अपनाना और भी आसान और व्यवहार्य हो जाएगा। सरकार को विश्वास है कि यह निर्णय महाराष्ट्र के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से अपनाने की दिशा में मदद करेगा।
अब यात्री राज्य के प्रमुख मार्गों पर एक स्वच्छ, सस्ती और पर्यावरण के अनुकूल यात्रा का अनुभव कर सकेंगे। यह निर्णय न केवल जलवायु परिवर्तन से लड़ने के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि दीर्घकालिक, स्थायी परिवहन प्रणाली की दिशा में एक मजबूत कदम भी है।