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महाभियोग प्रस्ताव पर किरेन रिजिजू का बयान: न्यायपालिका में भ्रष्टाचार का मामला

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से संबंधित बताया। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की कोई गुंजाइश नहीं है और सभी दलों को एकजुट होकर इस पर चर्चा करनी चाहिए। रिजिजू ने इस मामले की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि इसे राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में देखा जाना चाहिए।
 

महाभियोग प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री का बयान

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से संबंधित है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की कोई आवश्यकता नहीं है। न्यायमूर्ति वर्मा को हाल ही में आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, जब उनके निवास पर आग लगने के बाद जली हुई नकदी का एक ढेर मिला। केंद्रीय मंत्री ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि इस महाभियोग मामले में राजनीति का कोई स्थान नहीं है।


सभी दलों को एकजुट होने की आवश्यकता

रिजिजू ने आगे कहा कि न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव एक गंभीर मामला है, जिसमें किसी भी राजनीतिक दल के लिए अलग रुख अपनाने की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। उन्होंने संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करने और आगे बढ़ने के लिए सभी दलों को एकजुट होने का आह्वान किया। मंत्री ने कहा कि वह सभी राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं और प्रमुख नेताओं से बातचीत शुरू कर दी है।


महाभियोग प्रस्ताव की गंभीरता

रिजिजू ने कहा कि प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है और यह मामला राष्ट्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब हम भ्रष्टाचार पर चर्चा करते हैं, चाहे वह न्यायपालिका में हो या अन्य क्षेत्रों में, इसे राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण नहीं अपनाया जाएगा। यह बयान तब आया जब रिपोर्ट्स में कहा गया कि सरकार न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश कर सकती है।