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महाकुंभ में मुस्लिम समुदाय की भागीदारी पर विवाद: धर्मगुरुओं की राय

प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में मुस्लिम समुदाय की भागीदारी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कुछ संगठनों ने मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, जबकि मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इस पर अलग-अलग राय रखी है। मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने धर्मांतरण की आशंका जताई है, जबकि अन्य धर्मगुरुओं ने इसे संविधान के अधिकारों का उल्लंघन बताया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

महाकुंभ में मुस्लिमों की भागीदारी पर उठे सवाल


नई दिल्ली. प्रयागराज में इस महीने होने वाले 'महाकुंभ' में मुस्लिम समुदाय के प्रवेश पर कुछ संगठनों द्वारा उठाए गए सवालों के बीच, मुस्लिम धर्मगुरुओं के बीच इस विषय पर मतभेद दिखाई दे रहे हैं.


महाकुंभ के इतिहास में यह संभवतः पहली बार है जब मुसलमानों की भागीदारी पर चर्चा हो रही है.


ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने तीन जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर आशंका जताई कि महाकुंभ में मुसलमानों का धर्मांतरण कराने की योजना बनाई जा रही है, इसलिए सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.


हालांकि, रजवी ने पिछले साल नवंबर में महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग का विरोध किया था, जिसे उन्होंने अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया था. अब उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में एक अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है.


रजवी ने कहा, "अखाड़ा परिषद और नागा संन्यासियों ने मुसलमानों पर महाकुंभ में दुकान लगाने पर पाबंदी लगाने की बात की थी, इसलिए हमने मुसलमानों को किसी भी परेशानी से बचाने के लिए महाकुंभ में नहीं जाने की सलाह दी थी."


जमीयत उलमा-ए-हिंद (एएम) के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने कहा कि यह पहली बार है जब महाकुंभ के आयोजन से पहले मुसलमान चर्चा का विषय बने हैं. उन्होंने कहा, "ऐसी बातें करना संविधान में दिए गए अधिकारों का उल्लंघन है, क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है."


ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, "अगर कोई मुसलमान अपने ज्ञानवर्धन के लिए महाकुंभ में जाता है, तो इसमें कोई हर्ज नहीं है. इस्लाम इतना कमजोर नहीं है कि किसी मेले में जाने से खतरे में पड़ जाए."


महाकुंभ में मुसलमानों के धर्मांतरण की आशंका पर अब्बास ने कहा, "अगर किसी की धार्मिक आस्था मजबूत है, तो कोई भी उसे धर्मांतरण नहीं करा सकता."


हाल ही में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कहा था कि इस बार कुंभ में आधार कार्ड के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा ताकि कोई गैर सनातनी मेला क्षेत्र में न आ सके. बाबा बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भी मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.


उत्तर प्रदेश हज कमेटी के अध्यक्ष मोहसिन रजा ने कहा, "आपने देखा होगा कि मोहन भागवत जी का बयान आया था. कुछ लोग विवाद खड़ा करके नेता बनना चाहते हैं. यह हमेशा होता रहा है."


रजा ने कहा, "मैं कई बार कुंभ में गया हूं और कई मुसलमान कुंभ में जाते हैं. मुसलमानों को महाकुंभ से बाहर रखने की मांग करना सनातनी संस्कार नहीं है."