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महाकुंभ में बसंत पंचमी स्नान: लाखों श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

प्रयागराज में महाकुंभ के अवसर पर बसंत पंचमी स्नान का आयोजन हुआ, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा को लेकर विशेष निर्देश दिए थे, ताकि पिछले स्नान में हुई भगदड़ जैसी घटनाएं न हों। इस बार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जिसमें CCTV कैमरे और कुंभ कमांड एंड कंट्रोल सेंटर शामिल हैं। महाकुंभ में 12 फरवरी और 26 फरवरी को भी महत्वपूर्ण स्नान तिथियां हैं। जानें इस ऐतिहासिक स्नान के बारे में और अधिक जानकारी।
 

महाकुंभ का भव्य स्नान


महाकुंभ बसंत पंचमी स्नान: प्रयागराज में महाकुंभ का अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जहां लाखों श्रद्धालुओं ने बसंत पंचमी के अवसर पर पवित्र स्नान किया। यह अनुष्ठान महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसमें संत, साधु और श्रद्धालु देश-विदेश से संगम तट पर एकत्रित होते हैं।


सुरक्षा और व्यवस्थाएं

सोमवार की सुबह, अखाड़ों के महामंडलेश्वर और संतों ने अपनी पारंपरिक शोभायात्रा के साथ संगम की ओर प्रस्थान किया। सुबह 5 बजे अमृत स्नान का आरंभ हुआ, जिसे देखने के लिए भारी भीड़ जुटी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन के लिए 'शून्य त्रुटि' का निर्देश दिया था, ताकि पिछले स्नान में हुई भगदड़ जैसी घटनाएं न हों।


5 करोड़ श्रद्धालुओं की उम्मीद


अब तक 33 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं, और सोमवार को 5 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। यह महाकुंभ का एक महत्वपूर्ण स्नान माना जाता है।


पवित्र डुबकी और सुरक्षा इंतजाम

परंपरा के अनुसार, संन्यासी, बैरागी और उदासीन संप्रदायों के अखाड़ों ने संगम में डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं का मानना है कि गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।


2019 के अर्धकुंभ के अनुभव को ध्यान में रखते हुए, इस बार सुरक्षा को और मजबूत किया गया है। मेला क्षेत्र में 3,000 से अधिक CCTV कैमरे लगाए गए हैं, और 25 सेक्टरों की निगरानी कुंभ कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से की जा रही है।


पिछली भगदड़ से सबक

29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दौरान संगम नोज पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई थी, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई थी। इसे ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री ने प्रयागराज का दौरा किया और व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।


महत्वपूर्ण स्नान तिथियां

महाकुंभ में अमृत स्नान के अलावा तीन और महत्वपूर्ण स्नान तिथियां हैं:



  • 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा)

  • 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) - इस दिन महाकुंभ का समापन होगा।


श्रद्धालुओं का मानना है कि इन खास ज्योतिषीय संयोगों पर गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।


मुख्यमंत्री की शुभकामनाएं

योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर संतों, श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को बसंत पंचमी स्नान की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि महाकुंभ धर्म, आस्था और सनातन संस्कृति का महापर्व है, और इसे पूरी भव्यता और पवित्रता के साथ मनाया जा रहा है।


महाकुंभ का यह अमृत स्नान ऐतिहासिक रहा, जहां करोड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई। सरकार की सख्त व्यवस्थाओं के कारण यह आयोजन बिना किसी अव्यवस्था के सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। अगला प्रमुख स्नान 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा) और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) को होगा।