महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर में अपराध बढ़ने पर चिंता जताई
महबूबा मुफ्ती की चिंता
महबूबा मुफ्ती
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि घाटी में बाहरी लोगों की आमद से अपराध की घटनाएं बढ़ी हैं। उनका कहना है कि 2019 के बाद से जम्मू में बाहरी लोगों का आना लगातार जारी है, जिससे अपराध दर में वृद्धि हो रही है। स्थानीय व्यवसाय भी प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि बाहरी सामान की मांग बढ़ रही है।
रविवार (21 दिसंबर) को पत्रकारों से बातचीत में पीडीपी प्रमुख ने कहा कि 2019 के बाद से कई समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोग आ रहे हैं और इससे अपराध में वृद्धि हो रही है। स्थानीय लोग लगातार कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, और इसलिए वे जानना चाहते हैं कि PDP उनके लिए क्या कर सकती है।
महबूबा मुफ्ती ने रैटल बिजली परियोजना के संदर्भ में कहा कि कुछ विधायक उन पर दबाव बना रहे हैं कि वे अपने लोगों को नौकरी दें। उन्होंने इस दबाव को अस्वीकार कर दिया और कहा कि यदि किसी ने गलत किया है, तो उन्हें नौकरी से निकालना उचित है, लेकिन केवल आरोपों के आधार पर किसी को नौकरी से नहीं हटाना चाहिए।
बीएसएफ को जमीन आवंटन पर उठाए सवाल
महबूबा मुफ्ती ने बीएसएफ को 'उपजाऊ' जमीन देने के निर्णय पर भी सवाल उठाए। उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से अनुरोध किया कि पुलवामा जिले में सुरक्षा शिविर स्थापित करने के लिए बीएसएफ को उपजाऊ भूमि आवंटित करने के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए। मुफ्ती ने कहा कि यह भूमि गांव के बीच स्थित है और इसे बीएसएफ को नहीं दिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील
उन्होंने कहा कि इस भूमि से कई लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है और उमर अब्दुल्ला को जनता के हितों की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए। मुफ्ती ने यह भी कहा कि बीएसएफ को बंजर भूमि दी जा सकती है और इस मुद्दे को वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सामने भी उठाएंगी।