महंगाई में राहत: दालों और गेहूं के दामों में गिरावट
महंगाई से मिली राहत
बहादुरगढ़: महंगाई के इस कठिन दौर में लोगों को कुछ राहत मिली है। आवश्यक वस्तुओं जैसे गेहूं, आटा और दालों की कीमतों में कमी आई है, जिससे आम जनता को काफी सहारा मिला है। नागरिकों का मानना है कि सरकार को महंगाई पर नियंत्रण बनाए रखना चाहिए, ताकि वे अपनी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। हालांकि, सब्जियों की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्तमान में, फुटकर में आटा 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि दालों की अच्छी फसल के कारण उनके दामों में गिरावट आई है।
दालों की कीमतों में कमी
दाल हुई सस्ती
पहले 140-150 रुपये प्रति किलो बिकने वाली अरहर की दाल अब 115-120 रुपये प्रति किलो पर उपलब्ध है। इसी तरह, मूंग, उड़द, चना और मलका दालों के दाम भी कम हुए हैं। व्यापारियों का कहना है कि भविष्य में दाम और भी घट सकते हैं। बहादुरगढ़ की अनाज मंडी के व्यापारी कृष्णा ने बताया कि गेहूं की कीमतें भी गिरी हैं। लगभग डेढ़ महीने पहले गेहूं का भाव 3200 रुपये क्विंटल था, जो अब घटकर 2500 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
आगे की उम्मीदें
राहत की उम्मीद
इस बार गेहूं की फसल अच्छी रही है, जिससे दामों में और गिरावट की संभावना है। मसूर की दाल का भाव अब 71-72 रुपये किलो के आसपास है, जबकि हरी उड़द का दाम 150 रुपये से घटकर 115-116 रुपये किलो हो गया है। मूंग धोया का दाम भी 102 रुपये किलो से घटकर 98 रुपये, और हरी मूंग का भाव 90 रुपये से घटकर 82 रुपये किलो तक पहुंच गया है। चना दाल के दाम भी 73 रुपये से घटकर 70 रुपये किलो पर आ गए हैं। व्यापारी बताते हैं कि इस बार दालों के लिए मौसम अनुकूल रहा, जिससे देशभर में दालों की पैदावार अच्छी हुई है। रेलवे रोड पर विश्वकर्मा चौक के पास किराना स्टोर के दुकानदार शंकर ने बताया कि एक महीने पहले फुटकर में आटा 32-33 रुपये किलो बिक रहा था, लेकिन अब यह 30 रुपये किलो हो गया है। अरहर समेत सभी प्रकार की दालों के दामों में गिरावट आई है।