मसूड़ों से खून आने के कारण और बचाव के उपाय
मसूड़ों से खून आने के कारण
मसूड़ों से खून आना एक सामान्य समस्या नहीं है, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए एक चेतावनी है। जब लोग ब्रश करते हैं और खून निकलता है, तो इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, मुंह स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और यदि यह ठीक नहीं है, तो यह समग्र स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। वैज्ञानिक अनुसंधान भी यह दर्शाते हैं कि मसूड़ों की बीमारियां केवल दांतों तक सीमित नहीं होतीं, बल्कि ये हृदय रोग, मधुमेह, और गर्भावस्था की जटिलताओं से भी जुड़ी हो सकती हैं।
मसूड़ों से खून आने का मुख्य कारण प्लाक है, जो दांतों पर जमा गंदगी होती है। इसमें हानिकारक बैक्टीरिया होते हैं, जो मसूड़ों में संक्रमण का कारण बनते हैं, जिसे जिंजिवाइटिस कहा जाता है। यदि इसका समय पर उपचार नहीं किया गया, तो यह पेरियोडोंटाइटिस में विकसित हो सकता है, जो दांतों के गिरने का कारण बनता है।
अन्य कारण और बचाव के उपाय
मसूड़ों से खून आने के अन्य कारणों में हार्ड ब्रश का उपयोग, गलत ब्रशिंग तकनीक, तंबाकू का सेवन, हार्मोनल परिवर्तन, कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट, और विटामिन-सी या विटामिन-के की कमी शामिल हैं। गंभीर बीमारियां जैसे मधुमेह भी मसूड़ों को कमजोर कर सकती हैं। जब मसूड़ों से खून निकलता है, तो इसका मतलब है कि वे पहले से ही सूजे हुए हैं और संक्रमण का शिकार हैं। चूंकि इसमें दर्द नहीं होता, इसलिए लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते।
इस समस्या से बचने के लिए, ब्रश करने की आदत में सुधार करना आवश्यक है। बहुत अधिक जोर लगाकर या हार्ड ब्रिसल वाले ब्रश का उपयोग करने से मसूड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। नर्म ब्रिसल वाला ब्रश और हल्के हाथ से गोल घुमाकर सफाई करना सबसे प्रभावी होता है। दिन में दो बार ब्रश करना भी जरूरी है, ताकि दांतों के बीच जमा प्लाक हट सके।
आयुर्वेद में हरिद्रा (हल्दी), नीम की दातुन, और त्रिफला से कुल्ला करने की सलाह दी जाती है, जो न केवल मुंह की सफाई करते हैं, बल्कि बैक्टीरिया को भी खत्म करते हैं। इसके अलावा, नियमित डेंटल चेकअप कराना भी महत्वपूर्ण है, ताकि किसी भी छोटी समस्या को समय पर पहचाना जा सके। यदि मसूड़ों से खून आना बार-बार हो रहा है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।